Share Market Live: ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और उसकी वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में भारी गिरावट देखी जा रही है. इन सबके विपरीत भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर से मजबूती के संकेत दिखाई देने लगे हैं. जानकारों का कहना है कि तकनीकी चार्ट के ऊपर NIFTY में तेजी का रुझान दिखाई पड़ रहा है और यह जल्द ही 12 हजार के लेवल की ओर कूच कर सकता है. बता दें कि मौजूदा समय में देश के बहुत से खुदरा निवेशकों का मानना है कि निफ्टी में आने वाले दिनों में गिरावट देखने को मिल सकती है और इसमें फिलहाल रिकवरी के लिए उम्मीद की किरण नहीं दिख रही है. वहीं दूसरी ओर कुछ जानकार मान रहे हैं कि टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी में तेजी के संकेत दिख रहे हैं.
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जीडीपी के आंकड़े जारी होने के बाद और सेबी के नए नियमों की वजह से निफ्टी इंडेक्स में आया था दबाव
जानकारों का कहना है कि दरअसल, ऐसा अक्सर होता है जब अधिकांश लोग किसी एक ओर मार्केट की दिशा का अनुमान लगा रहे होते हैं और मार्केट विपरीत दिशा की ओर बढ़ जाता है. यह बात निफ्टी इंडेक्स के 7,700 लेवल से रिकवरी के मामले में सही साबित भी होती है. बता दें कि आम जनमानस के अनुमान को धराशायी बताते हुए NIFTY सूचकांक लगभग 7700 के निचले स्तर से रिकवर होकर हाल ही के 11,794 की ऊंचाई तक पहुंचने में कामयाब रहा था. इस पूरी तेजी में निफ्टी ने निचले स्तर से करीब 54 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी. गौरतलब है कि सितंबर के पहले हफ्ते में देश की जीडीपी के आंकड़े जारी हुए थे और सेबी ने भी शेयर के लिए नए नियम जारी किए थे. इन सबकी वजह से निफ्टी इंडेक्स में कुछ दबाव देखने को मिला था. ताजा आंकड़ों की बात करें तो निफ्टी इंडेक्स ने बुधवार यानि 9 सितंबर 2020 को 11,185 का निचला स्तर छुआ था और उन स्तरों से निफ्टी ने अच्छी खासी रिकवरी दर्ज की है.
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क्या कहते हैं शेयर मार्केट के जानकार
बीमजूमदारडॉटकॉम के फाउंडर बिटुपन मजूमदार के मुताबिक अगर शेयर बाजार में बढ़िया तेजी की दरकार है तो करेक्शन का आना काफी जरूरी है. उन्होंने कहा कि हालांकि निफ्टी इंडेक्स पूरे शेयर मार्केट के व्यवहार को प्रदर्शित नहीं करता है क्योंकि छोटी, मझौली और बड़े आकार की कंपनियों के बीच भारी अंतर देखा जाता है. वहीं निफ्टी इंडेक्स मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर देश की केवल बड़ी कंपनियों को शामिल करता है. बिटुपन कहते हैं कि इस बात की पूरी संभावना है कि निफ्टी आम निवेशकों की सोच के विपरीत तेजी की ओर बढ़ जाए. उनका कहना है कि बाजार का मौजूदा PE रेशियो अधिक हो सकता है लेकिन बाजार में फ्यूचर आउटलुक के आधार ट्रेडिंग होती है. उनका कहना है कि ऐसा अनुमान है कि बड़ी कंपनियां मंदी की धारणा का समुचित तरीके से प्रबंधन कर सकती है. संभवतः 2021 से आर्थिक सुधार के साथ-साथ व्यापार में भी अच्छी रिकवरी दिखाई पड़ सकती है.
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बिटुपन कहते हैं कि तकनीकी चार्ट के ऊपर निफ्टी में तेजी दिखाई पड़ रही है. निफ्टी में चार्ट के ऊपर फालिंग वेज फॉर्मेशन बना हुआ है और उसमें ब्रेकआउट के बाद तेजी बनती हुई दिखाई पड़ रही है. निफ्टी में फिलहाल 11,450 का रेसिस्टेंस है और अगर यह लेवल टूटता है तो निफ्टी 11,770-11,800 के ऊपरी लेवल तक पहुंच सकता है. निफ्टी में 11,200-11,180 की एक नई ट्रेंड लाइन का निर्माण हुआ है और अगर जब तक भाव इस ट्रेंड लाइन के ऊपर टिका रहता है तो गिरावट की आशंका फिलहाल बेहद कम ही है.
उनका कहना है कि निफ्टी इंडेक्स में अभी भी बुलिश चैनल बना हुआ है और अगर इस चैनल में निफ्टी 11,798 की ऊंचाई को पार करता है तो उम्मीद है कि निफ्टी 12 हजार के आंकड़ें को भी छू सकता है. शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार में तेजी का रुझान बनाए रखना चाहिए.
केडिया एडवाइजरी के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक शेयर बाजार में अगले दो से तीन सत्र में तेजी का रुझान दिखाई पड़ रहा है. उनका कहना है कि मध्यम अवधि की बात करें तो निफ्टी में एक रेंज में ही कारोबार करना चाहिए. मीडियम टर्म में निफ्टी में 11,100 से 11,800 की रेंज में कारोबार की संभावना है. हालांकि अगले दो से तीन सत्र में निफ्टी 11,650 के लेवल को छू सकता है.
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च्वाइस ब्रोकिंग के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुमीत बगड़िया का कहना है कि भारत-चीन के संबंधों को लेकर अगर कोई नकारात्क खबर आती है तो मार्केट में दबाव दिखाई पड़ सकता है. वहीं अगर सकारात्मक रुख रहा तो फिर तेजी का रुझान बन सकता है. सुमीत का कहना है कि निफ्टी में 11,500 के ऊपर टिकने पर तेजी की संभावना है. वहीं अगर निफ्टी ने 11,200 का लेवल तोड़ दिया तो नीचे में 11,000 और 10,800 के लेवल भी दिखाई पड़ सकते हैं.
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