सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष पहली तिमाही में 92 प्रतिशत गिर गया. इसकी बड़ी वजह तेल कीमतों का लगभग आधा हो जाना और गैस कीमतों के दशक के सबसे निचले स्तर पर चले जाना रहा. कंपनी ने एक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी. कंपनी का एकल शुद्ध लाभ अप्रैल-जून तिमाही में 496 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 5,980 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से 91.7 प्रतिशत कम है.
कंपनी ने कहा कि इतना लाभ भी कंपनी को उसके कच्चे तेल उत्पादनपर उपकर का भुगतान देरी से करने पर हुआ है. यहां तक कि सरकार से राहत की उम्मीद में कंपनी ने रॉयल्टी का भी भुगतान नहीं किया. कंपनी ने कहा कि रॉयल्टी का भुगतान उसने जून के अंत में किया जबकि उपकर का भुगतान जुलाई में ही किया जा सका. देशभर में 24 मार्च से लगे लॉकडाउन ने ईंधन की मांग को प्रभावित किया.
कंपनी की आय समीक्षावधि में 51 प्रतिशत गिरकर 13,011 करोड़ रुपये रही. ओएनजीसी ने कहा कि आलोच्य तिमाही में कंपनी को प्रति बैरल कच्चे तेल के लिए औसत 28.72 डॉलर प्राप्त हुए. जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह दाम 66.32 डॉलर प्रति बैरल था. इसी तरह गैस की कीमतें भी 35.2 प्रतिशत गिरकर 2.39 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर आ गयी. समीक्षावधि में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 1,090 करोड़ रुपये रहा.
यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 7,120 करोड़ रुपये के एकीकृत लाभ से 84.7 प्रतिशत कम है. कंपनी का कच्चा तेल उत्पादन इस दौरान पिछले वर्ष की भांति ही 48 लाख टन रहा. जबकि गैस उत्पादन 12.3 प्रतिशत घटकर 5.4 अरब घन मीटर रह गया. चालू वित्त वर्ष में अब तक कंपनी ने तीन गैस-तेल क्षेत्रों की खोज की है. इसमें केजी ब्लॉक और त्रिपुरा में प्राकृतिक गैस की खोज शामिल है.
Source : News Nation Bureau