जम्मू एवं कश्मीर बैंक के कर्मचारियों ने बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) का दर्जा देने के सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग के साथ यहां गुरुवार को प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने बैंक के कॉरपोरेट मुख्यालय में प्रदर्शन किया.
राज्य सरकार ने बैंक को आरटीआई अधिनियम के तहत लाने और इसे पीएसयू का दर्जा देने का फैसला किया था.
इस फैसले का पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सहित राजनीतिक दलों ने विरोध किया और इसे जम्मू एवं कश्मीर की वित्तीय स्वायत्तता खत्म करने का कदम बताया.
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10 प्वाइंट में जानें बैंक की हिस्ट्री
1. जम्मू-कश्मीर बैंक में राज्य सरकार का हिस्सा है. इसका मुख्यालय श्रीनगर में है.
2. इस बैंक की स्थापना 1 अक्टूबर, 1938 की गई थी. यह देश का पहला बैंक है जिसमें सरकार की हिस्सेदारी थी.
3. जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने जेएंडके बैंक की स्थापना राज्य की आर्थिक स्थिति को कारगर बनाने के लिए की थी.
4. बैंक ने 4 जुलाई, 1939 से बैंकिंग कामकाज शुरू किया. 1976 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उसे 'ए' श्रेणी का बैंक घोषित किया था.
5. बैंक को स्वतंत्रता के समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा क्योंकि इसकी दो शाखाएं मुजफ्फराबाद, रावलकोट और मीरपुर पाकिस्तान में चले गईं. बाद में, 1956 को कंपनी एक्ट के तहत बैंक को सरकारी कंपनी निर्धारित किया गया.
6. 2013 में जेएंडके बैंक ने अपनी प्लेटिनम जुबली मनाई.
7. 1 अप्रैल 2013 को बैंक ने बिजनेस के 1 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया.
8. 15 मई 2013 को बैंक ने घोषणा करके बताया कि उसने 1000 करोड़ का मुनाफा वित्त वर्ष 2012-13 में कमाया है.
9. जम्मू एंड कश्मीर बैंक लगातार 6 तिमाही से मुनाफे में है.
10. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक को 146 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.
Source : News Nation Bureau