केंद्र सरकार ने मटर आयात पर प्रतिबंध अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है, जिससे मटर का भाव चने के मुकाबले ज्यादा हो गया है. मुंबई में मटर चने की तुलना में करीब 300 रुपये ऊंचे भाव पर बिक रही थी. बंबई में मटर का भाव 4,750 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि चने का भाव 4,450 रुपये प्रति क्विंटल.
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि एसोसिएशन ने सरकार से मटर के आयात पर प्रतिबंध की समय-सीमा बढ़ाने की मांग की, ताकि किसानों को दलहनों का वाजिब भाव मिले. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अप्रैल 2018 से लेकर 31 मार्च 2019 तक सिर्फ एक लाख टन मटर का आयात करने की इजाजत दी थी, जबकि इस साल अब तक दो लाख टन से ज्यादा मटर विदेश से आ चुकी है.
और पढ़ें : Post Office ने दी नेटबैंकिंग की सुविधा, ऐसे करें एक्टिव
अग्रवाल ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय से व्यापारियों ने याचिका दायर करके दलहनों के आयात पर प्रतिबंध के विरुद्ध स्टे ले लिया है, जिससे दलहनों का आयात बढ़ा है.
मटर आयात पर प्रतिबंध की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त होने वाली थी. इससे पहले 28 दिसंबर, 2018 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रतिबंध की समय-सीमा 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दी गई है.
और पढ़ें : ये है सस्ती CNG लेने का तरीका, रोज मिलता है मौका
यह अधिसूचना एक जनवरी, 2019 से प्रभावी होगी. केंद्र सरकार ने मटर की सभी वेरायटी, पीली मटर, हरी मटर, दून मटर, कास्पा मटर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने इस साल अप्रैल में मटर के आयात पर पहली बार तीन महीने के लिए प्रतिबंध लगाया था. उसके बाद से प्रतिबंध की समय-सीमा जून से सितंबर और फिर अक्टूबर से दिसंबर तक के लिए बढ़ाई गई थी. केंद्र सरकार ने पिछले साल मटर के आयात पर 50 फीसदी शुल्क लगा दिया था.
अग्रवाल ने कहा कि मटर का भाव चने से ज्यादा होने से उपभोक्ता मटर के बदले चने का उपयोग करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि अगर मटर के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता तो चने का भाव 3,500-4,000 रुपये प्रति क्विं टल हो जाता. भारत कनाडा, रूस, अमेरिका व अन्य देशों से मटर का आयात करता रहा है.
Source : News Nation Bureau