अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में 10 फीसदी तक की गिरावट दर्ज किए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 3-4 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती देखने को मिल सकती है. OPEC देशों द्वारा प्रोडक्शन में कटौती नहीं करने के फैसले के बाद कच्चे तेल के भाव में गिरावट देखने को मिली है. कच्चे तेल के भाव में कटौती का सीधा लाभ घरेूल बाजार में भी देखने को मिलेगा. पेट्रोल के दाम में इस साल अब तक 4 रुपये प्रति लीटर की कटौती हो चुकी है तो डीजल के भाव में 4.15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आई है. जानकारों का मानना है कि अगर डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी आती है तो घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 3-4 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है. वहीं रुपये में कमजोरी जारी रहने पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती की उम्मीद कम हो जाएगी.
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शुक्रवार को 10.07 फीसदी तक की गिरावट के बाद क्रुड का भाव 41.28 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. यह अगस्त 2016 के बाद सबसे न्यूनतम स्तर पर है. ब्रेंट क्रुड के भाव में भी 9.4 फीसदी की गिरावट हुई है. ब्रेंट क्रुड का भाव 45.27 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. जून 2017 के बाद यह अब तक का सबसे न्यूनतम भाव है.
इधर, कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कच्चे तेल की मांग में कमी आ रही है. इस कारण वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है. 2008 में ओपेक व उसके सहयोगी देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में 42 लाख बैरल रोजाना की कटौती की थी. उस साल वैश्विक मंदी का दौर था.
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हालांकि कच्चे तेल के प्रोडक्शन में कटौती पर सहमति नहीं बनने पर ओपेक और उसके सहयोगी देशों (OPEC+) ने फिर से बैठक करने की बात कही है. रूस के उर्जा मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने बैठक के बाद कहा कि 1 अप्रैल तक कोई भी सदस्य अपने रणनीति के हिसाब से तेल का उत्पादन नहीं करेगा.
Source : News Nation Bureau