Advertisment

भारत बंद: एसोचैम ने मोदी सरकार का किया बचाव, कहा- पेट्रोल के बढ़ते दाम के लिये वैश्विक कारक जिम्मेदार

एसोचैम ने कहा, पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के लिए वैश्विक कारक जिम्मेदार है। उसने उम्मीद जताई है कि ईंधन पर करों के बोझ को घटाया जा सकता है।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
भारत बंद: एसोचैम ने मोदी सरकार का किया बचाव, कहा- पेट्रोल के बढ़ते दाम के लिये वैश्विक कारक जिम्मेदार

एसोचैम ने सरकार का किया बचाव

Advertisment

पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर विपक्ष भले ही मोदी सरकार का विरोध कर रही हो लेकिन उद्योग मंडल एसोचैम ने इसके लिए वैश्विक कारक को जिम्मेदार बताते हुए केंद्र का समर्थन किया है। एसोचैम ने कहा, पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के लिए वैश्विक कारक जिम्मेदार है। उसने उम्मीद जताई है कि ईंधन पर करों के बोझ को घटाया जा सकता है। 

एसोचैम महासचिव उदय कुमार वर्मा ने पीटीआई से कहा, 'हमारा मानना है कि पेट्रोल-डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिये। हालांकि, इस समय यह संभव नहीं है।'

उन्होंने कहा कि इस समय ईंधन के दामों में लगातार वृद्धि की वजह वैश्विक कारक हैं। यह उभरते हुये बाजारों को प्रभावित कर रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। 

वर्मा ने कहा कि अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती से रुपये पर दबाव पड़ रहा है। भारत कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। जिसके नाते रुपये की विनिमय दर में गिरावट का पेट्रोल-डीजल के दामों पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा, मजबूत वैश्विक रुख के बीच कच्चे तेल के दामों में भी तेजी आई है। 

और पढ़ें- भारत बंद: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील, लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हों सभी दल

उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक मामले पर नजर बनाये हुये और कर बोझ को कम करने समेत अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है।' 

Source : News Nation Bureau

petrol Fuel Price Services United States dollar Assocham Petroleum prices rising global factors
Advertisment
Advertisment