मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCE) ने गुरुवार को पब्लिक सेक्टर की REC में सरकार की पूरी 52.63 फीसदी हिस्सेदारी को पावर फाइनेंस कारपोरेशन (PFC) को बेचने को मंजूरी दे दी. सरकार को इस विनिवेश से करीब 14,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. वहीं शुक्रवार को शेयर बाजार की शुरुआत से ही जहां REC बढ़कर ट्रेड कर रहा है वहीं PFC दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गुरुवार को जेटली ने बताया कि CCE ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ REC लि. में कुल चुकता पूंजी में सरकार की 52.63 फीसदी हिस्सेदारी पॉवर फाइनेंस कारपोरेशन (PFC) को बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी.
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सितंबर तिमाही में सरकार की REC में 57.99 फीसदी, जबकि PFC में 65.64 फीसदी हिस्सेदारी है. हालांकि, ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के जरिए हिस्सेदारी बिक्री से सरकार की REC में शेयरधारिता घटकर 52.63 फीसदी पर आ गई.
जेटली ने यह भी कहा कि उन्होंने 2017-18 के बजट में एक ही तरह का काम करने वाले लोक उपक्रमों के विलय की बात कही थी. अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि विलय और अधिग्रहण के जरिए केंद्रीय लोक उपक्रमों को मजबूत करने के अवसर हैं.
Source : PTI