देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा (Ratan Tata) के ताजा फैसले को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रतन टाटा ने मुंबई की जेनरिक आधार (Generic Aadhar) की 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. बता दें कि इस कंपनी को सिर्फ 18 साल का एक लड़का चला रहा है. यह कंपनी दवाओं की बिक्री का काम करती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेनरिक आधार खुदरा दुकानदारों की तुलना में कम कीमत पर दवाओं की बिक्री करती है.
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16 साल की उम्र में शुरू किया था जेनरिक आधार
मुंबई के 18 साल के देशपांडे का कहना है कि उन्होंने इस स्टार्टअप को 16 साल की उम्र में शुरू किया था. रतन टाटा ने इस स्टार्टअप में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. हालांकि देशपांडे ने 50 फीसदी हिस्सेदारी की खरीद के लिए कितनी पूंजी मिलेगी इसको लेकर खुलासा नहीं किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रतन टाटा करीब 3 से 4 महीने से देशपांडे के प्रस्ताव पर विचार कर रहे थे. देशपांडे रतन टाटा को बतौर बिजनेस पार्टनर बनाने को लेकर काफी उत्साहित थे.
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रतन टाटा ने निजी तौर पर खरीदी हिस्सेदारी
देशपांडे का कहना है कि रतन टाटा ने 2 दिन पहले ही जेनरिक आधार में 50 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदा है और इस समझौते की औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रतन टाटा ने इस कंपनी ने अपना निजी निवेश किया है. टाटा समूह का इस डील से कोई भी लेना देना नहीं है. बता दें कि रतन टाटा पहले भी इस तरह के निवेश कर चुके हैं. रतन टाटा OLA, क्योरफिट, अर्बन लैडर, Paytm, स्नैपडील, लेंसकार्ट और Lybrate में पहले निवेश कर चुके हैं. मौजूदा समय में जेनरिक आधार सालाना 6 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने का दावा करती है.