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रिजर्व बैंक घटा सकता है ब्याज दरें, 0.25 फीसदी कटौती का अनुमान

मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) बैठक का आखिरी दिन, आज आएगा फैसला RBI ने फरवरी में हुई बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी.

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Dhirendra Kumar
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रिजर्व बैंक घटा सकता है ब्याज दरें, 0.25 फीसदी कटौती का अनुमान

फाइल फोटो

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गुरुवार को रिजर्व बैंक (RBI) की चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती का अनुमान है. 2 अप्रैल को शुरू हुई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (RBI-MPC) का फैसला आज आने वाला है. अनुमान लगाया जा रहा है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. अप्रैल की MPC बैठक नए वित्त वर्ष 2019-20 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक है.

मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक की अध्यक्षता RBI गवर्नर शक्तिकांता दास कर रहे हैं. मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के फैसलों को 4 अप्रैल 2019 को 11.45 मिनट पर वेबसाइट पर डाला जाएगा. बता दें कि RBI ने फरवरी में हुई बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. RBI ने 18 महीने के बाद दरों में कटौती की थी. चुनावी मौसम में दरों में कटौती का फायदा कर्ज दाताओं को मिलने की संभावना है.

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इंडस्ट्री ने दरों में कटौती की वकालत की
शक्तिकांता दास उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मिल चुके हैं, जिसमें डिपॉजिटर्स एसोसिएशन, MSME प्रतिनिधि, बैंकर्स समेत अन्य स्टेकहोल्डर्स शामिल हैं. उद्योग जगत ने महंगाई का लेवल RBI के तय मानक 4 फीसदी से कम होने का हवाला देते हुए दरों में कटौती की वकालत की है. उद्योग संगठन CII के अनुसार महंगाई दर दायरे में है इसलिए ब्याज दरों में कटौती यह सबसे बेहतर समय है. रेटिंग एजेंसी ICRA ने भी दरों में 0.25 फीसदी की कटौती का अनुमान लगाया है.

रेपो रेट क्या है
जिस रेट पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि बैंक से मिलने वाले लोन सस्ते हो जाएंगे. रेपो रेट कम हाने से होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह सभी सस्ते हो जाते हैं.

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क्या होता है रिवर्स रेपो रेट
जिस रेट पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित करने में काम आती है. बहुत ज्यादा नकदी होने पर आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देती है.

एसएलआर क्या है
जिस रेट पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते हैं, उसे एसएलआर कहते हैं. नकदी को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है, जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन-देन को पूरा करने में किया जाता है.

सीआरआर क्या है
बैंकिंग नियमों के तहत सभी बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित रकम रिजर्व बैंक के पास जमा करनी होती है, जिसे कैश रिजर्व रेशियो यानि सीआरआर कहते हैं.

मौजूदा ब्याज दरें
रेपो रेट                   6.25%
रिवर्स रेपो रेट            6.00%
मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) 6.50%
बैंक रेट                   6.50%

Source : News Nation Bureau

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