बॉन्ड बाजार (Bond Market) के विस्तार को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति दे दी. बैंक म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के माध्यम से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क आवंटन के बॉन्ड प्रतिभूतियों में निवेश कर सकेंगे. बासिल तीन दिशानिर्देशों के अनुसार यदि कोई बैंक सीधे बांड प्रतिभूति हासिल करता है तो उसे म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेट फंड के माध्यम से उसी बांड में किए गए निवेश के बदले कम पूंजी का आवंटन करना होता है.
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बैंकों की पूंजी बचत के साथ कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट में होगी बढ़त
रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति को जारी करने के बाद केंद्रीय बैं के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में अलग-अलग तरह के व्यवहार को सामान्य बनाते हुए यह निर्णय किया गया है. इससे बैंकों की पूंजी बचत बढ़ेगी और साथ कॉरपोरेट बांड बाजार को भी बढ़त मिलेगी. ऐसे में बैंकों के सीधे बांड रखने या म्यूचुअल फंड या ईटीएफ के माध्यम से किए जाने वाले निवेश दोनों पर नौ प्रतिशत का साधारण बाजार जोखिम शुल्क लगाने का निर्णय किया गया है.
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रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के पक्ष में थे. शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है.