देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) का बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) शुक्रवार को 11 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) यह ऊंचाई प्राप्त करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गयी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में कच्चा तेल से लेकर दूरसंचार तक विस्तृत क्षेत्रों में कारोबार करने वाली अपनी कंपनी के शुद्ध रूप से ऋण-मुक्त होने की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी.
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रिलायंस के बाजार पूंजीकरण में 65,477.03 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी
बीएसई में कंपनी का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 65,477.03 करोड़ रुपये बढ़कर 11,15,418.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बीएसई पर कंपनी का शेयर भी 6.23 प्रतिशत बढ़कर 1,759.50 रुपये पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, यह एक समय 7.99 प्रतिशत चढ़कर 1,788.60 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया. एनएसई पर भी यह 6.47 प्रतिशत बढ़कर 1,763.20 रुपये पर बंद हुआ। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि कंपनी के शेयर में तेजी लगातार हावी रही और इसने सूचकांक ‘सेंसेक्स’ को डेढ़ फीसदी की बढ़त हासिल करने में मदद की. शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 523.68 अंक यानी 1.53 प्रतिशत बढ़कर 34,731.73 अंक पर पहुंच गया.
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इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में 16.20 फीसदी की तेजी
इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में 16.20 फीसदी की तेजी आयी है. इससे पहले दिन में, अंबानी ने दो महीने के भीतर वैश्विक निवेशकों और राइट इश्यू से रिकॉर्ड 1.69 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शुद्ध रूप से ऋण-मुक्त हो जाने की घोषणा की. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स की 25 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी बेचकर वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 1.15 लाख करोड़ रुपये जुटाये हैं. इसके अलावा कंपनी ने पिछले 58 दिनों में राइट्स इश्यू के माध्यम से 53,124.20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी जुटायी है.
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इससे पहले पिछले साल ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को खुदरा ईंधन कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सात हजार करोड़ रुपये जुटाये थे. इस तरह कंपनी अब तक कुल मिलाकर 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटा चुकी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 31 मार्च 2020 तक 1,61,035 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज था। कंपनी ने एक बयान में कहा, "इन निवेशों के साथ आरआईएल शुद्ध रूप से ऋण-मुक्त हो गयी है.