दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Limited-RIL) पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो गई है. रिलायंस की ओर से जारी बयान के मुताबिक 31 मार्च 2020 तक कंपनी के ऊपर कुल 1,61,035 करोड़ रुपये का कर्ज था, लेकिन अब कंपनी पूरी तरह से कर्ज मुक्त (Net Debt Free) हो चुकी है. कंपनी का कहना है कि उसने सिर्फ 58 दिन के भीतर 1,68,818.15 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं जिसकी वजह से कंपनी अब कर्ज से मुक्त हो चुकी है.
विदेशी निवेशकों ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 1,15,693.95 करोड़ रुपये का निवेश किया
विदेशी निवेशकों ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स (Reliance Jio Platforms) में इस दौरान 1,15,693.95 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वहीं रिलायंस ने राइट्स इश्यू के जरिए 53,124.20 करोड़ रुपये जुटाए हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि उन्होंने शेयरधारकों से किए गए 31 मार्च 2021 से पहले कंपनी को पूरी तरह से कर्ज मुक्त करने के वादे को पूरा किया है.
निवेशक | निवेश की तारीख | निवेश (करोड़ रुपये) | हिस्सा |
Facebook, Inc. | 22nd April 2020 | 43,573.62 | 9.99% |
Silver Lake Partners | 4th May 2020 | 5,655.75 | 1.15% |
Vista Equity Partners | 8th May 2020 | 11,367.00 | 2.32% |
General Atlantic | 17th May 2020 | 6,598.38 | 1.34% |
KKR | 22nd May 2020 | 11,367.00 | 2.32% |
Mubadala | 5th June 2020 | 9,093.60 | 1.85% |
Silver Lake Partners |
5th June 2020 | 4,546.80 | 0.93% |
Abu Dhabi Investment Authority | 7th June 2020 | 5,683.50 | 1.16% |
TPG | 13th June 2020 | 4,546.80 | 0.93% |
L Catterton | 13th June 2020 | 1,894.50 | 0.39% |
PIF | 18th June 2020 | 11,367.00 | 2.32% |
कुल निवेश | 115,693.95 | 24.70% |
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बता दें कि गुरुवार (18 जून 2020) को रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने अपनी डिजिटल इकाई रिलायंस जियो प्लेटफार्म्स (Reliance Jio Platforms) में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी 11,367 करोड़ रुपये में सऊदी अरब के संपत्ति कोष ‘पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड’ (The Public Investment Fund-PIF) को बेची है. कुल मिलाकर कंपनी अप्रैल से लेकर अब तक अपनी डिजिटल इकाई में हिस्सेदारी बेचकर करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये जुटा चुकी है. इसकी शुरूआत 22 अप्रैल से फेसबुक के निवेश के साथ हुई। रिलायंस अब तक जियो प्लेटफार्म्स में कुल मिलाकर 25 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेच चुकी है.