Reliance Industries Q1 Result: दूरसंचार क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन और हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय के बल पर कोविड- 19 महामारी (Coronavirus) के इस दौर में भी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) ने पहली तिमाही में रिकार्ड मुनाफा हासिल किया है. रिलायंस (RIL) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 13,248 करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, रिफाइनिंग, पेट्रोरसायन और खुदरा कारोबार की आय पर लॉकडाउन का असर पड़ा है, लेकिन उसकी भरपाई दूरसंचार क्षेत्र ने कर दी.
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पहली तिमाही में जियो का शुद्ध लाभ 183 प्रतिशत उछलकर 2,520 करोड़ रुपये
कंपनी ने एक बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 30.6 प्रतिशत बढ़कर 13,248 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में यह 11,640 करोड़ रुपये था. तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक विभिन्न कारोबार वाले इस समूह ने कहा कि उसे ईंधन के खुदरा उद्यम में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी पीएलसी को बेचने से एकबारगी 4,966 करोड़ रुपये का लाभ हुआ. इसके साथ रिलायंस जियो का एकल आधार पर शुद्ध लाभ 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही में 183 प्रतिशत उछलकर 2,520 करोड़ रुपये हो गया और इसने दूसरे क्षेत्रों में कमाई की कमी की भरपाई कर दी. जब ‘लॉकडाउन’ के कारण तेल से रसायन बनाने का कारोबार और खुदरा क्षेत्र के कामकाज रोकना पड़ा, कमाई के मामले में डिजिटल सेवा कारोबार ने अगुवाई की.
दूरसंचार इकाई जियो का एकीकृत ईबीआईटीडीए में योगदान 33 प्रतिशत से अधिक रहा और कुल लाभ में उसका सर्वाधिक योगदान रहा. तेल से लेकर रसायन के कारोबार से कम योगदान के कारण कुल मिलाकर ब्याज, कर, मूल्य ह्रास, संपत्ति मूल्य में कमी से पूर्व कमाई यानी ईबीआईटीडीए कुल मिलाकर 11.8 प्रतिशत घटकर 21,585 करोड़ रुपये रहा. कंपनी का तेल से रसायन कारोबार (ओ टू सी) मांग में कमी और मार्जिन दबाव के कारण प्रभावित हुआ है. इसके अलावा निर्यात बाजार से कम आय होने से भी लाभ पर असर पड़ा. कंपनी ने कहा कि कोविड-19 के कारण देश भर में दुकानों के बंद होने और परिचालन पर पाबंदियों के कारण खुदरा कारोबार का ईबीआईटीडीए घटा. वहीं डिजिटल सेवा कारोबार में मार्जिन सुधरने और ग्राहकों की संख्या में वृद्धि के कारण ईबीआईटीडीए बढ़ा और कमी की भरपाई हुई.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन के कारण हमारा हाइड्रोकार्बन कारोबार पर असर पड़ा लेकिन परिचालन में लचीलापन से हम हम परिचालन को समान्य स्तर के करीब ले आये हैं और एक अच्छा परिणाम दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने कोविड-19 महामरी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ के बावजूद तिमाही के दौरान रिकार्ड कोष जुटाया. उल्लेखनीय है कि रिलायंस ने राइट इश्यू के जरिये 53,124 करोड़ रुपये और जियो प्लेटफार्म्स में करीब 33 प्रतिशत हिस्सेदारी फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों को बेचकर 1,52,056 करोड़ रुपये जुटाये. कंपनी ने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी को 7,629 करोड़ रुपये में बेची. अंबानी ने कहा, ‘‘हमने इस तिमाही के दौरान भारतीय कंपनी इतिहास में रिकार्ड कोष जुटाया.
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रिलायंस रिटेल का कर पूर्व लाभ पहली तिमाही में 47 प्रतिशत घटकर 1,083 करोड़ रुपये रहा
रिलायंस रिटेल का कर पूर्व लाभ 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही में 47.42 प्रतिशत घटकर 1,083 करोड़ रुपये रहा. कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ के कारण कंपनी के लाभ पर असर पड़ा. कंपनी के मुताबिक इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई का कर पूर्व लाभ (ईबीआईटीडीए) 2,060 करोड़ रुपये था. बयान के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आय 17.22 प्रतिशत घटकर 31,633 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 38,216 करोड़ रुपये थी.