गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) और उधारकर्ताओं के लिए लिक्विडिटी के मोर्चे पर राहत भरी खबर है. उधारकर्ताओं को अब विदेशी उधार लेने के लिए अधिक स्वतंत्रता मिल गई है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कंपनियों और गैर-बैंक उधारदाताओं के लिए बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECB) के नियमों में ढील दे दी है.
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7 साल के लिए फंड भी जुटा सकते हैं कॉर्पोरेट
नए नियमों के तहत कर्ज देने के लिए एनबीएफसी द्वारा 7 साल तक की छूट का लाभ उठाया जा सकता है. पूंजीगत व्यय के लिए कॉर्पोरेट 7 साल के लिए फंड भी जुटा सकते हैं. बता दें कि इन दोनों उधारों के लिए पहले अनुमति नहीं थी. 10-वर्षीय ईसीबी का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है जिसमें कार्यशील पूंजी और ऋणों का पुनर्भुगतान भी शामिल है.
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स्थानीय उधारदाताओं के साथ अपने उधार में डिफॉल्ट रूप से रहने वाले कॉरपोरेट्स को उधारदाताओं के साथ एक बार निपटान व्यवस्था के तहत धन जुटाने के लिए ईसीबी मार्ग का उपयोग करने की अनुमति दी गई है. जिन बैंकों ने डिफॉल्टरों को लोन दिया है, वे इन स्ट्रेस्ड लोन को विदेशी कर्जदाताओं को बेच सकते हैं. हालांकि, ईसीबी पर लागू होने वाली सभी लागत सीमाएं लागू रहेंगी.