खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2018 में 2.19 फीसदी पर आ गया जो पिछले 18 महीने का सबसे निचले स्तर पर है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर पिछले साल नवंबर में 2.33 फीसदी थी वहीं दिसंबर 2017 में 5.21 फीसदी पर था. इससे पहले सबसे निचला महंगाई दर जून 2017 में 1.46 फीसदी था. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का ही इस्तेमाल करता है.
वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 8 महीने के निचले स्तर पर जाकर 3.80 फीसदी रही. इसकी अहम वजह ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होना है. नवंबर में थोक मुद्रास्फीति 4.64 फीसदी थी जबकि दिसंबर 2017 में यह 3.58 फीसदी थी.
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य पदार्थों में 0.07 फीसदी महंगाई घटी है जबकि नवंबर में इसमें अवस्फीति 3.31 फीसदी थी. इसी तरह सब्जियों में भी अवस्फीति देखी गई. दिसंबर में यह 17.55 फीसदी रही, हालांकि नवंबर में यह 26.98 फीसदी थी.
ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र में दिसंबर में मुद्रास्फीति घटकर 8.38 फीसदी रही जो नवंबर की 16.28 फीसदी मुद्रास्फीति के मुकाबले लगभग आधी है. इसकी अहम वजह दिसंबर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आना है.
दिसंबर में पेट्रोल कीमतों की मुद्रास्फीति 1.57 फीसदी और डीजल कीमतों की 8.61 फीसदी रही है. वही एलपीजी में यह 6.87 फीसदी रही.
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खाद्य वस्तुओं में पिछले महीने के मुकाबले आलू दिसंबर में सस्ते हुए. दिसंबर में आलू कीमतों में मुद्रास्फीति की दर 48.68 फीसदी रही जो नवंबर में 86.45 फीसदी थी. प्याज कीमतों में दिसंबर में 63.83 फीसदी अवस्फीति दर्ज की गई जो नवंबर में 47.60 फीसदी थी.
दालों में मुद्रास्फीति की दर 2.11 फीसदी रही, वहीं अंडा, मांस और मछली में यह दर 4.55 फीसदी रही. दिसंबर की 3.80 फीसदी की मुद्रास्फीति दर पिछले आठ महीनों में सबसे कम है. इससे पहले अप्रैल में यह 3.62 फीसदी पहुंची थी.
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(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
Source : News Nation Bureau