रुपए में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले 15 पैसे की मजबूती दर्ज की गई। फारेक्स मार्केट खुलते ही रुपया मजबूत खुला और 15 की मजबूती के साथ 72.30 के स्तर तक चला गया। आज मजबूती का कारण बैंकों और निर्यातकों की तरफ से डॉलर की बिकवाली माना जा रहा है।
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सोमवार को आई थी रिकॉर्ड गिरावट
सोमवार को रुपया रिकॉड कमजोर हुआ था और यह 72.45 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था। हालांकि एक समय यह 72.67 रुपए के स्तर तक चला गया है। एक ही दिन में इसमें 72 पैसे की गिरावट दर्ज की गई थी।
आजादी के समय रुपया और डॉलर बराबर था
देश जब आजाद हुआ था तब भारत पर कोई कर्ज नहीं था। उस समय ब्रिटिश सरकार का शासन था। ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी यहां कारोबार करती थी। भारत ब्रिटेन का उपनिवेश था, लिहाजा उस वक्त लेनदेन में रुपए और डॉलर का इस्तेमाल होता था और दोनों की वैल्यू बराबर थी।
लेकिन आजादी के बाद भारत एक अलग देश बना। भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए फंड की जरूरत थी, और इस फंड का इंतजाम कर्ज लेकर ही हो सकता था। तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1951 में जब पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की तब विदेश से डॉलर में कर्ज लिया गया। अक्टूबर 2013 में एक आरटीआई के जवाब में रिजर्व बैंक ने बताया था कि 18 सितंबर 1949 तक रुपए और पाउंड की वैल्यू बराबर थी, लेकिन जैसे जैसे पाउंड की वैल्यू घटती गई, रुपए की भी वैल्यू अपनेआप घट गई।
Source : PTI