सऊदी में तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले से भारत में महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल

ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार (Global Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति में 5 फीसदी तक की कमी आ सकती है. हमलों की वजह से कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
सऊदी में तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले से भारत में महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल

ड्रोम हमले के बाद सऊदी अरमाको का तेल उत्पादन रह गया आधा.

Advertisment

दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार सुबह हुए ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार (Global Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति में 5 फीसदी तक की कमी आ सकती है. हमलों की वजह से कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है. इस हमले के बाद फिर से प​र्शिया की खाड़ी (Persian Gulf) समेत भारत के लिए चिंता बढ़ गई है. कच्चे तेल के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ आयातक (Importer) देश है.

यह भी पढ़ेंः बिगड़ैल रईसजादा...प्लेबॉय... ड्रग एडिक्ट से वजीर-ए-आजम बनने तक इमरान खान का सफर

प्रति माह 150 एमएम बैरल कच्चे तेल की कमी संभव
ऑयल प्राइस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के बाद प्रतिमाह 150 एमएम बैरल कच्चे तेल (Crude Oil) की कमी हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ऐसा होता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती हैं. सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने शनिवार को कहा था कि ड्रोन हमलों (Drone Attack) की वजह से 57 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है. इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है.

यह भी पढ़ेंः सुब्रमण्यम स्वामी बोले-इसी साल होगा राम मंदिर का निर्माण, इस दिन आएगा फैसला

सबसे बड़े तेल संयंत्र हैं अबकैक और खुरैस
ड्रोन हमलों का निशाना बनी अबकैक की तेल रिफाइनरी (Oil Refinery) में प्रतिदिन 70 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है. अरामको (Saudi aramco) के अनुसार ये दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्टैबिलाइजेशन प्लांट है. वर्ष 2006 में भी इस संयंत्र पर अल-कायदा ने आत्मघाती हमला करने का प्रयास किया था, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था. ड्रोन हमले का दूसरा शिकार बना खुरैस संयंत्र, गावर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा प्लांट है. इसकी शुरूआत 2009 में हुई थी. इस संयंत्र से भी प्रतिदिन 15 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन किया जाता है. साथ ही यहां करीब 20 अरब बैरल से ज्यादा तेल रिजर्व में मौजूद है.

यह भी पढ़ेंः अब तो वास्तव में कंगाली के और करीब पहुंचा पाकिस्तान, GSP के दर्जे पर संकट

हूथी विद्रोहियो ने ली ड्रोन हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरान से जुड़े हूथी विद्रोहियों (Huthi Insurgents) ने ली है. साथ ही आतंकी संगठन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में सऊदी अरब पर हमलों के उनके अभियान में और तेजी आएगी. सऊदी पर ऐसे और हमले करने के लिए उन्होंने 10 ड्रोन तैनात किए हैं. इस हमले के बाद अमेरिका से ईरान का तनाव और बढ़ सकता है. पहले इसी तनाव के चलते अमेरिका (US) ने ईरान पर युद्ध तक का मन बना लिया था, जिसे ऐन मौके रद्द किया गया.

HIGHLIGHTS

  • प्रतिमाह 150 एमएम बैरल कच्चे तेल की कमी हो सकती है.
  • कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती हैं.
  • इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है.
drone attack crude oil price hike International Market saudi aramco Oil Price
Advertisment
Advertisment
Advertisment