चीन को सऊदी अरब ने तगड़ा झटका दिया है. अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको (Oil company Aramco) ने चीन के साथ 10 अरब डॉलर यानि करीब 75 हजार करोड़ की डील को खत्म करने का फैसला किया है. दरअसल, अरामको चीन (China) के साथ मिलकर एक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स बनाने वाली थी. वहीं, अरामको के इस फैसले के बाद अब मोदी सरकार की नजर 44 अरब डॉलर की भारत के साथ डील पर है. इस मामले पर अरामको अभी तक कोई ऑफिशियल बयान नहीं जारी किया है. वहीं, उसके चाइनीज पार्टनर चाइना नॉर्थ इंडसट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन (Norinco) की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.
यह भी पढ़ें : मुश्किल दौर में भी भारत में निवेश को लेकर अपनी योजना पर कायम है सऊदी अरामको
अरामको ने चीन से क्यों की डील खत्म ?
खबरों के अनुसार, कोरोना काल में तेल सस्ता हो गया है. जिसकी वजह से तेल कंपनियों को आर्थिक घाटा हो रहा है. वर्तमान हालात को देखते हुए अरामको ने इस डील को खत्म करने का निर्णय किया है. कोरोना (Corona) के मामले जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अभी दूर-दूर तक कोई संभावना हालात सुधरते नहीं दिख रहे है. ऐसे में मार्केट और औद्योगिक गतिविधि आगे भी प्रभावित रहने का अनुमान है.
यह भी पढ़ें : Bharti Axa का अधिग्रहण करेगी ICICI Lombard, देश की तीसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी बन जाएगी
75 अरब डॉलर डिविडेंड जारी करेगी अरामको
मांग और कीमत में कमी की वजह से तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है. यही हाल पूरी दुनिया में तेल कंपनियों का है. फिलहाल, अरामको ने कैपिटल एक्सपेंडिचर घटाने पर फोकस किया है. कंपनी ने 75 अरब डॉलर का डिविडेंड जारी भी करने का फैसला किया है. इस डिविडेंड का बड़ा हिस्सा सऊदी किंगडम (Saudi kingdom) को जाता है.
यह भी पढ़ें : सावधान ! रेलवे स्टेशन जानें से पहले चेक कर लें अपनी जेब, नहीं तो सकती है फजीहत
अरामको ने भारत में 44 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के इस फैसले के बाद अब सरकार की नजर 44 अरब डॉलर की भारत (India) के साथ डील पर है. अरामको ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी मेगा रिफाइनरी प्रॉजेक्ट में 44 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी.
यह भी पढ़ें : वास्तविक अर्थव्यवस्था से बिल्कुल अलग चल रहा है शेयर बाजार, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान
क्राउन प्रिंस सलमान ने खुद डील साइन की थी
फरवरी 2019 में क्राउन प्रिंस सलमान ने खुद यह डील साइन की थी. इस डील से अरामको एशियाई मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. साथ ही इस डील के सहारे आने वाले दिनों में चीन बड़े पैमाने पर सऊदी अरब में निवेश करेगा, लेकिन दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की वजह से ब्रेक लग गया है.
Source : Business Desk