कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने से दुनिया ही नहीं सहमी, बल्कि शेयर बाजार भी सहम गया. सेंसेक्स लगभग 1,400 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखाई दिया. इसी तर्ज पर निफ्टी भी करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था. हालांकि निफ्टी में दवा कंपनियों के शेयर ही ग्रीन जोन में रहे. बाजार के जानकार इस गिरावट के लिए दक्षिण अफ्रीका समेत कुछ और देशों में आए कोविड-19 के नए वेरिएंट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. गौरतलब है कि नए वेरिएंट के सामने आते ही ब्रिटेन समेत इजरायल ने कई देशों की फ्लाइट रोक दी, तो भारत में भी सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी कर सावधान रहने को कहा है.
मोटे तौर पर रहे ये 4 कारण
जानकारों की मानें तो भारत में शेयर बाजार गिरने के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय कारण हैं. पहले पहल कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, दूसरा कच्चे तेल में गिरावट, तीसरा मैटल और फाइनेंशियल बेंचमार्क का टूटना और अंत में एशियाई बाजारों को हुए नुकसान का असर भारत के स्टॉक मार्केट पर देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को शेयर बाजार की शुरुआत से पहले प्री-ओपन सेशन में ही सेंसेक्स में गिरावट देखी गई. बाजार खुलने पर ये करीब 720 अंक गिर गया, जबकि गुरुवार को सेंसेक्स बढ़त के साथ बंद हुआ था. सुबह के कारोबार में बाजार लगातार टूट रहा है और 11 बजे के आसपास इसमें 1422 अंक की गिरावट दर्ज की गई. सुबह के कारोबार में सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से सिर्फ डॉक्टर रेड्डीज का शेयर ही ग्रीन जोन में रहा, जबकि मारुति सुजुकी के शेयर में सबसे बड़ी करीब 2.5% की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि बाद मे ये 3.7% तक गिर गया और इससे भी ज्यादा 3.92 फीसद की गिरावट टाइटन के शेयर में देखी गई.
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निफ्टी में भी त्राहि माम
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक निफ्टी का हाल भी बुरा रहा. निफ्टी की शुरुआत भी कमजोर रही और ये करीब 250 अंक की गिरावट के साथ खुला, जबकि गुरुवार को ये 17,536.25 अंक पर बंद हुआ था. सुबह के कारोबार में निफ्टी 430 अंक तक की गिरावट दर्ज की गई. सुबह निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में सिप्ला का शेयर सबसे अधिक बढ़त 1.43 फीसदी के साथ कारोबार कर रहा है. बाकी डॉक्टर रेड्डीज और सन फार्मा ग्रीन जोन में बने हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- कोरोना के नए वेरिएंट से शेयर बाजार भी सहमा
- खुलते ही गिरावट, जो आगे भी रही जारी
- दवा कंपनियों के शेयर ही रहे ग्रीन जोन में