Share Market Update : स्टॉक मार्केट को लेकर आई एक फिल्म स्कैम 1992 में एक डायलॉग है कि... शेयर मार्केट पैसों का इतना गहरा कुआं है, जिससे पूरी दुनिया की प्यास बुझ सकती है. यही वजह है कि भारत समेत दुनिया के लाखों-करोड़ों लोग शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं. जिसमें कई प्रोफिट कमा ले जाते हैं तो कइयों को नुकसान उठाना पड़ता है. शेयर मार्केट पर पैनी नजर रखने वालों कि मानें तो अधिकांश लोग बिना जानकारी के ही शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने उतर जाते हैं, जिसका खामियाजा उनको अपने पैसे डुबोकर चुकाना पड़ता है. ऐसे में बेहतर है कि स्टॉक मार्केट के सागर में उतरने से पहले हमें तैराकी की अच्छी समझ हो. इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी बातें लेकर आए हैं, जिससे शेयर मार्केट से जुड़ी बारीकियां सीखने में आपको मदद मिलेगी.
शेयर मार्केट में दो तरीके से पैसा निवेश किया जाता है एक म्युचअल फंड और दूसरा कंपनी के शेयर खरीदकर. पहले वाले में बाजार खुद आपके पैसे को मैनेज करता है और दूसरे में आपका मुनाफा कंपनी के फायदे के साथ आगे बढ़ता है. भारत में केवल 3.5 प्रतिशत लोग ही शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं, जबकि अमेरिका में यह प्रतिशत 55 तक पहुंचता है. भारत की अगर बात करें तो यहां शेयर मार्केट में पैसा न लगाने की कुछ मुख्य वजह हैं. जैसे कि-
1- रिस्क लेने की क्षमता में कमी
2- जानकारी का अभाव
3- घोटाले और फ्रॉड
4- शेयर मार्केट को लेकर कोई कोर्स आदि का न होना
इसके अलावा भारत में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने शेयर मार्केट में अपनी किस्मत आजमाई और मालामाल हो गए.
जैसे कि राकेश झुनझुनवाला, रामदेव अग्रवाल,विजय केडिया और राधाकृष्ण दमानी आदि.
लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिनको अपनाकर कोई भी शेयर मार्केट की अच्छी समझ रख सकता है-
1. बिजनेस साइकल- किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले इस बात का जरूर ख्याल रखें कि कंपनी कम से कम 11 साल पुरानी होनी चाहिए.
2. ग्रोथ- चेक करें कि कंपनी ग्रोथ कैसी है. क्या कंपनी देश की जीडीपी का दोगुना ग्रोथ कर रही है. अगर हां तो फिर आप उसमें पैसा लगा सकते हैं.
3. लीडरशिप- ट्रेडिंग करने से पहले यह देखना भी है कि कंपनी की लीडरशिप कैसी है. उसका मैनजमेंट कैसा है. क्योंकि अगर मैनेजमेंट में क्वालिटी होगी को प्रोडक्ट में क्वालिटी दिखेगी और इसका प्रभाव सेल कर दिखाई देगा. मतबल कंपनी ग्रोथ करेगी. इसके साथ ही कंपनी को ड्राइव कौन कर रहा मतलब कंपनी के ऑनर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है आदि.
4. कर्ज की स्थिति- शेयर खरीदने से पहले यह भी जान लेना जरूरी है कि कंपनी पर कर्ज कितना है. क्योंकि कर्ज नहीं होगा तो प्रोफिट अच्छा आएगा और निवेशक को फायदा होगा. अन्यथा कंपनी के प्रोफिट का बहुत बड़ा भाग कर्ज उतारने और बाकि के खर्चों को पूरा करने में चला जाता है.
5- कंपनी के पास मालिकाना हक कितना है- कंपनी के मालिक के पास कम से कम 51 प्रतिशत शेयर होने चाहिएं. क्योंकि कंपनी अगर अपने सारे शेयर पब्लिक को बेच देगी तो कंपनी रन कैसे करेगी. इसके साथ ही ज्यादा शेयर होने पर कंपनी की लीडरशिप प्रोफिट के लिए खुद भी ज्यादा प्रयास करती है.
7- नेट प्रोफिट- कंपनी की ग्रोथ कम से कम 25 प्रतिशर हर साल के हिसाब से होनी चाहिए. मतलब अगर पिछले साल नेट प्रोफिट 100 करोड़ का था तो इस साल यह 125 करोड़ होना चाहिए.
8- युनिट सेल ग्रोथ- मसलन कंपनी की टोटल सेल हर साल 20 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही हो. जैसे कि अगर किसी ऑटोमोबाइल कंपनी ने अगर पिछले साल 100 कारें बेचीं तो इस साल 120 कारों का बिजनेस हो. इसके साथ ही रिटर्न ऑन इक्विटी और कैपिटल इंप्लोएड पर रिटर्न आदि भी ऐसे मुख्य पहलू हैं, जिनपर गौर करना जरूरी है.
Source : Mohit Sharma