Share Market: अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो दो शब्द आपको खूब परेशान करते होंगे. एक सेनसेक्स ( Sensex ) और दूसरा निफ्टी ( Nifty ). ये नाम रखे क्यों गए हैं? क्या इनमें आपको कोई अजीब बात नहीं लगती और इनका इस्तेमाल क्या है? दरअसल, स्टॉक मार्केट में दो एक्सचेंज हैं. एक NSE यानी नेशनल स्टोक एक्सचेंज और दूसरा BSE यानी बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज. NSE में 1600 कंपनी लिस्टेड हैं और BSE में 5000 कंपनी लिस्टेड हैं. इन दोनों में कुछ कंपनियां कॉमन भी है. मतबल NSE और BSE दोनों में ही लिस्टेड हैं. जैसे कि रिलायंस और टाटा स्टील आदि. स्टॉक मार्केट में शेयर के प्राइज ऊपर जा रहे या नीचे आ रहे हैं. इसका पता लगाने के लिए हम इंडेक्स पर जाते हैं. वहीं, मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव को सरल भाषा में समझने के लिए दो शब्द बनाए गए हैं. सेनसेक्स और निफ्टी.
क्या है सेनसेक्स
सेनसेक्स दो शब्दों से मिलकर बना है. सेंसेविटी और इंडेक्स. मतलब, सेनसेक्स मार्केट की सेंसिटिविटी को दर्शाता है. इसके अंदर टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है. इसको बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स कहा जाता है. आपको बता दें कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क और देश का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, जिसे शुरुआत में 1986 में की गई थी. सेनसेक्स में जिन कंपनियों को रखा गया है उनमें- BHEL, Bharti Airtel, DLF, ग्रासिम, HDFC, HDFC बैंक, हीरो होंडा, हिंडाल्को, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, ICICI बैंक, NTPC, ONGC, रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज व रिलायंस इफ्रास्ट्रक्चर आदि-आदि शामिल हैं.
क्या है निफ्टी 50
निफ्टी- निफ्टी भी दो शब्दों से मिलकर बना है. नेशनल और फिफ्टी. इसके अंदर टॉप 50 कंपनियों को रखा गया है. इसलिए इसको निफ्टी-फिफ्टी भी कहा जाता है. यहां गौर करने वाली बात यह कि टॉप 50 कंपनियां ही निफ्टी में रहेंगी. निफ्टी में स्टॉक और म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश होता है. निफ्टी 50 NSE द्वारा एक प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर कारोबार करने वाले 50 शीर्ष-प्रदर्शन वाले इक्विटी शेयरों का प्रदर्शन करता है. निफ्टी को 1995 में शुरू किया गया था.
Source : Mohit Sharma