कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर (GST) से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है. सोनिया ने पार्टी शासित चार राज्यों और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक में यह दावा भी किया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के प्रगतिशील, धर्मनरिपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है.
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एकतरफा उपकर लगाकर मुनाफा कमा कर रही है केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया. इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया. गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है. सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार एकतरफा उपकर लगाकर मुनाफा कमा कर रही है और राज्यों के साथ मुनाफा साझा नहीं किया जा रहा है. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें चिंतित होना चाहिए। यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए निश्चित तौर पर झटका है.
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सोनिया ने जीएसटी परिषद से ठीक एक दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ डिजिटल बैठक की. जीएसटी परिषद की बैठक 27 अगस्त को होगी. उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के 5 साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है. राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है.