बीते सप्ताह लगातार तीसरे हफ्ते घरेलू शेयर बाजारों में तेजी का दौर जारी रहा और प्रमुख सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। सेंसेक्स ने पिछले हफ्ते पहली बार 38,000 अंकों का स्तर पार कर लिया। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 313.07 अंकों या 0.83 फीसदी की तेजी के साथ 37,869.23 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 68.70 अंकों या 0.60 फीसदी की तेजी के साथ 11,429.50 रुपये पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 3.89 अंकों या 0.02 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 16,210.78 अंकों पर तथा स्मॉलकैप सूचकांक 49.32 अंकों या 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 16,784.20 पर बंद हुआ।
सोमवार को सेंसेक्स 135.73 अंकों या 0.36 फीसदी की तेजी के साथ 37,691.89 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 26.30 अंकों या 0.23 फीसदी की तेजी के साथ 11,387 पर बंद हुआ।
मंगलवार को बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर रहा और सेंसेक्स 26.09 अंकों या 0.07 फीसदी की गिरावट के साथ 37,665.80 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 2.35 अंकों या 0.02 फीसदी की तेजी के साथ 11,389.45 पर बंद हुआ।
बुधवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। सेंसेक्स 221.76 अंकों या 0.59 फीसदी की वृद्धि के साथ 37,887.56 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 60.55 अंकों या 0.53 फीसदी की वृद्धि के साथ 11,450 पर बंद हुआ।
गुरुवार को एक बार फिर सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए और सेंसेक्स पहली बार 38,000 के स्तर को पार कर गया। इस दिन सेंसेक्स 136.81 अंकों या 0.36 फीसदी की तेजी के साथ 38,024.37 पर बंद हुआ और निफ्टी 20.70 अंकों या 0.18 फीसदी की तेजी के साथ 11,470.70 पर बंद हुआ।
सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 115.14 अंकों या 0.41 फीसदी की गिरावट के साथ 37,869.23 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 41.20 अंकों या 0.36 फीसदी की गिरावट के साथ 11,429.50 पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे - आईसीआईसीआई बैंक (7.66 फीसदी), एक्सिस बैंक (7.19 फीसदी), यस बैंक (2.83 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (1.96 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (2.32 फीसदी), इंफोसिस (1.55 फीसदी) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (2.76 फीसदी)।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे - कोटक महिंद्रा बैंक (1.71 फीसदी), इंडसइंड बैंक (1.73 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.40 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.29 फीसदी), अडानी पोर्ट्स (5.33 फीसदी) और हिन्दुस्तान यूनीलीवर (0.62 फीसदी)।
आर्थिक मोर्चे पर, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को केंद्रीय बैंक से कहा कि देश में बढ़ती महंगाई के कारण उसे मौद्रिक नीतियों को धीरे-धीरे कसने की जरूरत पड़ेगी, जोकि मुख्य रूप से उच्च तेल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रूपये की कीमत में हो रही गिरावट के कारण आई है।
देश का औसत महंगाई दर वित्त वर्ष 2018-19 में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में यह 17 साल के निम्नतम स्तर 3.6 फीसदी पर थी।
Source : IANS