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Success Story: सिर्फ 27 साल के रितेश अग्रवाल ने कैसे खड़ी कर दी हजारों करोड़ की कंपनी, जानिए पूरी कहानी

रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) का जन्म 16 नवंबर 1993 को उड़ीसा एक एक छोटे से शहर बिसम कटक में हुआ था. Oyo Rooms के फाउंडर रितेश हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट (Hurun Global Rich List 2020) में भी शामिल हो चुके हैं.

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Dhirendra Kumar
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Ritesh Agarwal

रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal)( Photo Credit : newsnation)

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कहते हैं कि अगर किसी चीज को पूरे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है. भले ही यह एक फिल्म का डायलॉग हो लेकिन ओयो रूम्स (Oyo Rooms) के रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) ने इस बात को सच साबित करके दिखाया है. क्या आप सोच सकते हैं कि जिस लड़के ने महज 17 साल की पढ़ाई लिखाई की उम्र में जिस कंपनी को शुरू किया था आज वह हजारों करोड़ की कंपनी बन चुकी है. 

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उड़ीसा एक एक छोटे से शहर बिसम कटक में हुआ था रितेश अग्रवाल का जन्म
रितेश अग्रवाल का जन्म 16 नवंबर 1993 को उड़ीसा एक एक छोटे से शहर बिसम कटक में हुआ था. Oyo Rooms के फाउंडर रितेश हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट में भी शामिल हो चुके हैं. इस लिस्ट के अनुसार अग्रवाल दुनिया के सबसे युवा अरबपति हैं. उनकी सक्सेस का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि महज 24 साल की उम्र में अग्रवाल के पास करीब 7,800 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी थी. 

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घूमने फिरने के शौक से मिला बिजनेस आइडिया 
रितेश ने ओयो रूम्स की शुरुआत करने से पहले 2012 में ओरेवल स्टेस नाम की एक ऑनलाइन रूम बुकिंग कंपनी को शुरू किया था. रितेश का यह आइडिया इतना यूनीक था कि उससे इंप्रेस होकर गुड़गांव के मनीष सिन्हा ने ओरेवल में इनवेस्ट किया और को-फाउंडर बन गए. वहीं 2013 में रितेश ने इस कंपनी को ओयो रूम्स में बदल दिया. ऐसा कहा जाता है कि रितेश को घूमने फिरने का काफी शौक है और यही शौक उन्हें यूनीक बिजनेस आइडिया दे गया. दरअसल, यह बात 2009 के आस पास की है जब उन्हें पहाड़ों की ओर घूमने के लिए जाने का मौका मिला. घूमने के दौरान उन्होंने महसूस किया कि रूम का अरेजमेंट करने में काफी परेशानी होती है. कभी ज्यादा पैसे देकर खराब रूम मिलता है तो कभी कम पैसे देकर भी अच्छा रूम मिल जाता है. बस यहीं से उनके दिमाग में एक अनूठे बिजनेस आइडिया ने जन्म लिया और उन्होंने ओयो रूम्स के रूप में एक सक्सेसफुल कंपनी खड़ी कर दी..

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रितेश की शुरुआती पढ़ाई अपने ही जिले में एक स्कूल से हुई और उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चले गए. दिल्ली में रितेश ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस अकादमी में एडमिशन लिया लेकिन उनके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था और उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी. रितेश छोटी उम्र से ही वेदांता के अनिल अग्रवाल, स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग और बिल गेट्स को अपना आदर्श मानते रहे हैं. बता दें कि रितेश मौजूदा समय में IIT और IIM जैसे संस्थानों से पढ़े लोगों की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. एक इंटरव्यू में रितेश ने कहा था कि भारत में ड्राप आउट का मजाक उड़ाया जाता है और उन्हें समझदार तो बिल्कुल भी नहीं समझा जाता है. उनका मानना है कि अगले कुछ साल में भारत में कुछ और ड्राप आउट नाम कमाएंगे.

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रितेश अग्रवाल के बारे में एक और चौंकाने वाली बात भी सामने आई है कि उन्हें चीन में काफी पसंद किया जाता है. चीन में रितेश अग्रवाल को ली ताई शी के नाम से जाना जाता है. बता दें कि चीन में ओयो को सबसे बड़ी होटल कंपनी के रूप में स्थापित करने वाले 27 साल के रितेश ने इसके लिए दुनिया की सबसे कठिन समझी जाने वाली चीनी भाषा मंदारिन को कुछ ही महीनों में सीख लिया था. जानकारी के मुताबिक 2018 में ओयो रूम्स ने 1 अरब डॉलर का निवेश जुटाया है. मीडिया में आई खबरों की मानें तो रितेश ने जुलाई 2019 में ओयो रूम्स में अपनी हिस्सेदारी को तीन गुना बढ़ा लिया है.

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