अब से करीब एक दशक पहले जब मध्यम वर्गीय परिवारों में जब 'खुशियों की चाबी' का जिक्र होता था तो हमारे सामने लखटकिया 'नैनो' कार की तस्वीर अपने आप ही आ जाती थी. साल 2008 में टाटा मोटर्स ने मध्यम वर्ग के कार के सपने को पूरा करने की कोशिश की थी. लेकिन अब मिडिल क्लास के सपनों की यह कार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. कभी मध्यम वर्ग की आंखों का तारा कही जाने वाली इस कार के आज खरीददार तक नहीं मिल रहे हैं, जिसकी वजह से टाटा मोटर्स को इस कार का प्रोडक्शन बंद करना पड़ रहा है.
मीडिया में आईँ खबरों के मुताबिक टाटा मोटर्स ने इस साल के पहले 9 महीने यानी सितंबर तक नैनो कार का प्रोडक्शन नहीं किया है. वहीं साल 2019 में टाटा मोटर्स की नैनो कार की अब तक सिर्फ 1 कार की बिक्री हुई है. टाटा नैनों की साल 2019 में बिकी एकमात्र कार फरवरी महीनें में बिकी थी. हालांकि अभी टाटा मोटर्स ने आधिकारिक रूप से इस मॉडल को बंद करने का कोई ऐलान नहीं किया है. इस कार को लेकर टाटा मोटर्स की ओर से बार-बार यह कहा जाता है कि नैनो के भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है.
लेकिन टाटा मोटर्स ने यह भी स्वीकार किया है कि नैनो का मौजूदा रूप नए सुरक्षा नियमन और BS-VI उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं कर पाएगा. आपको बता दें कि साल 2008 में टाटा मोटर्स ने वाहनों की प्रदर्शनी में लखटकिया कार को उतारा था. इस कार की शुरुआती कीमत 1 लाख रुपये थी. कार को जोर-शोर से बाजार में उतारा गया. लेकिन उम्मीदों के मुताबिक लखटकिया कार की बिक्री नहीं हुई. पिछले साल जनवरी-सितंबर के दौरान टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में 297 यूनिट का उत्पादन किया, जबकि 299 कार बेची. हालांकि टाटा मोटर्स के अधिकारियों ने इशारों में बता दिया है कि अप्रैल 2020 से लखटकिया कार यानि की नैनो का उत्पादन और बिक्री बंद होगी
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो