टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) ने रविवार को यहां बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण की वकालत की. साथ ही कहा कि बिजली उत्पादन करने वाले हर संयंत्र को परिचालन अवस्था में होना चाहिए ताकि बिजली क्षेत्र की मदद हो सके. चंद्रशेखरन ‘मुंबई लिटरेचर फेस्टिवल’ में ‘ब्रिजिटल नेशन’ किताब को विमोचित किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे. वह इस किताब के सह-लेखक भी हैं. उन्होंने किसी विशेष समाधान को सुझाए बिना कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के संकट का भी समाधान किया जाना चाहिए.
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रीयल एस्टेट सेक्टर पर भी ध्यान देने की जरूरत: चंद्रशेखरन
रीयल एस्टेट क्षेत्र भी ऐसा क्षेत्र है जहां ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘व्यवस्था बदहाल है, सभी तरह के गतिरोधों को साफ किया जाना चाहिए. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘ हम कैसे सुनिश्चित करें कि देश में जितने भी बिजली संयंत्र हैं, भले वह किसी के भी हों, उनको फिर से कैसे चालू किया जा सकता है? कैसे बिजली वितरण कंपनियों का नुकसान थामा जा सकता है? मेरा सुझाव है कि इन सभी का निजीकरण कर देना चाहिए.
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उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब शनिवार को ही मीडिया में यह खबर आयी कि देश के आधे से अधिक ताप विद्युत संयंत्र बंद होने जा रहे हैं. देश में बिजली का सबसे बड़ा स्रोत ताप विद्युत संयंत्र हैं. रीयल एस्टेट क्षेत्र के बारे में चंद्रशेखरन ने कहा कि देश में नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक के मकान बिना बिके पड़े हैं, जबकि रुकी हुई परियोजनाओं के लिए सरकार 25,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हर क्षेत्र के लिए कुछ-कुछ कदम उठाए हैं और अब समय है कि इनके परिणाम दिखायी दें.