अमेरिका ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (PCR) का विरोध किया है. अमेरिका का कहना है कि सेंट्रल बैंक की पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री से निजी क्रेडिट ब्यूरो को कामकाज करने में दिक्कत होगी.
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भारत में अमेरिकी कंपनियों को खतरा
अमेरिका को इस बात की चिंता है कि रिजर्व बैंक के इस कदम से अमेरिकी कंपनियों के लिए खतरा पैदा हो जाएगा. मौजूदा समय में भारत में चार निजी क्रेडिट ब्यूरो हैं जो सार्वजनिक क्रेडिट डेटाबेस के रूप में एक ही काम करते हैं. मौजूदा समय में अमेरिका के स्वामित्व वाली दो कंपनियों ट्रांसयूनियन CIBIL और इक्विफैक्स क्रेडिट इन्फॉर्मेशन सर्विसेज का परिचालन भारत में हो रहा है.
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सूत्रों के मुताबिक सरकारी क्रेडिट रजिस्ट्री से निजी क्रेडिट ब्यूरो का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित होगा. RBI के इस कदम से निजी क्रेडिट ब्यूरो को लोन से जुड़ी जानकारियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि RBI के इस कदम से निजी क्रेडिट ब्यूरो का कामकाज किसी भी तरह से सीमित नहीं होगा.
डिफॉल्ट की रोकथाम के लिए है PCR
बता दें कि रिजर्व बैंक देश में लोने लेने वाले सभी व्यक्तियों और इकाइयों का ब्यौरा एक जगह उपलब्ध कराने के लिए पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (PCR) स्थापित किया गया है. बैंक कर्ज देने से पहले व्यक्ति की पूरी क्रेडिट डिटेल को ऑनलाइन चेक कर सकेंगे. रजिस्ट्री में कर्ज अदा न करने वालों के भी नाम दर्ज किए जाएंगे. साथ ही लंबित लीगल मामलों के बारे में जानकारी के अलावा वित्तीय अपराधियों का भी नाम दर्ज रहेगा.
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जून 2018 में की गई थी गठन की घोषणा
रिजर्व बैंक ने सूचना में कमी को पूरा करने, कर्ज तक पहुंच को बेहतर बनाने और अर्थव्यवस्था में कर्ज लेने की संस्कृति को मजबूत करने के इरादे से पिछले साल जून में PCR के गठन की घोषणा की थी.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका ने रिजर्व बैंक (RBI) के पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (PCR) का विरोध किया
- पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री से निजी क्रेडिट ब्यूरो को कामकाज करने में दिक्कत होगी
- पिछले साल जून 2018 में की गई थी पीसीआर के गठन की घोषणा
Source : News Nation Bureau