कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) से बुरी तरह प्रभावित पर्यटन (Tourism) और आतिथ्य क्षेत्र (Hospitality Sector) के लिए एक प्रमुख उद्योग संघ ने सरकार से कर्ज अदायगी में छह महीने की राहत, जीएसटी (GST) में एक साल की छूट और इस क्षेत्र के लिए विशेष कोष बनाने की मांग की है. भारतीय वाणिज्य परिसंघ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित ज्यादातर पर्यटन कंपनियों को सरकार से कम से कम छह महीने के लिए ईएमआई, कर और कर्मचारियों के वेतन में अंतरिम राहत की दरकार है.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा पीड़ित देशों में मृत्यु दर घटने से एशियाई बाजारों में तेजी
2020 में पूरे साल के लिए बुकिंग में 18-20 प्रतिशत की आई कमी
आईसीसी के महानिदेशक राजीव सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus Lockdown) महामारी के चलते 2020 में पूरे साल के लिए बुकिंग में 18-20 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि औसत दैनिक किराया 12-14 प्रतिशत तक घट गया है. उद्योग संघ ने केंद्र सरकार से कई तरह की राहत मांगी है, जिसमें आरबीआई (RBI) द्वारा तीन महीने तक कर्ज अदायगी के प्रस्ताव को छह महीने तक बढ़ाने और पर्यटन, यात्रा तथा आतिथ्य क्षेत्र के लिए एक साल तक जीएसटी में पूरी तरह छूट शामिल है.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस (Coronavirus) के डर से फल नहीं खरीद रहे लोग, मंडियों में सप्लाई भी हुई कम
आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘आईसीसी ने एक यात्रा एवं पर्यटन स्थिरता कोष बनाने का सुझाव दिया है, जो वित्तीय नुकसान और रोजगार में कटौती रोकने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरित करे. उद्योग संघ ने बयान में कहा कि यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र का 2018 में भारत की जीडीपी में 9.2 प्रतिशत योगदान था और इसने 2.67 करोड़ रोजगार दिए.