Advertisment

आसान भाषा में समझें NFO का पूरा गणित, निवेश करके कमाएं मोटा मुनाफा

न्यू फंड ऑफर को IPO की तरह मार्केट में लॉन्च किया जाता है. निवेशकों की अर्जी के बाद NFO को लॉन्च किया जाता है. NFO और IPO में अंतर यह है कि NFO की बिक्री नेट एसेट वैल्यू पर होती है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
New Fund Offer-NFO

New Fund Offer-NFO( Photo Credit : NewsNation)

Advertisment

New Fund Offer-NFO: हाल फिलहाल में म्यूचुअल फंड हाउसेज ने कई न्यू फंड ऑफर को लॉन्च किया है, लेकिन बहुत से लोगों को न्यू फंड ऑफर (NFO) के बारे में काफी कम जानकारी होती है. दरअसल, म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund House) पहली बार जब किसी फंड (Fund) को म्यूचुअल फंड बाजार में लॉन्च करता है तो उसको ही न्यू फंड ऑफर (NFO) कहते हैं. बता दें कि मार्केट से पैसा जुटाने के उद्देश्य से न्यू फंड ऑफर लाया जाता है. निवेशकों को इसके अलावा नए फंड में निवेश के लिए भी लॉन्च किया जाता है. 

यह भी पढ़ें: मल्टीबैगर शेयर: महज तीन साल में 1 लाख रुपये बन गए 5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा

NFO और IPO में यह है अंतर
बता दें कि न्यू फंड ऑफर को IPO की तरह मार्केट में लॉन्च किया जाता है. निवेशकों की अर्जी के बाद NFO को लॉन्च किया जाता है. NFO और IPO में अंतर यह है कि NFO की बिक्री नेट एसेट वैल्यू पर होती है, जबकि IPO में शेयर के लिए प्राइस बैंड होते हैं और उस पर शेयर के लिए बोली लगाई जाती है.   

गौरतलब है कि निवेशक शुरुआत में किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट 10 रुपये में खरीद सकते हैं. निवेश के शुरुआती कुछ समय तक इस यूनिट की कीमत 10 रुपये रहती है. कीमत में बिना बदलाव वाले इस पीरियड को NFO पीरियड यानी New Fund Offer Period कहते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनी इस पीरियड में निवेशक के पैसे को निवेश नहीं करती है. NFO पीरियड खत्म होने के बाद फंड मैनेजर Pooled Money यानी सामूहिक रकम में से निवेश की शुरुआत करता है. निवेश की वैल्यू में जो भी बढ़त या फिर कमी होती है उसी के मुताबिक यूनिट की कीमत घटती या बढ़ती है.   

Open Ended Mutual Fund Scheme
Open Ended Mutual Fund scheme में निवेशक कभी भी निवेश कर सकता है. इसके अलावा इस स्कीम में से वह कभी भी निकल भी सकता है. बता दें कि इस तरह की स्कीम में पैसा आता जाता रहता है इसलिए इस स्कीम के पास कोई फिक्स्ड अमाउंट नहीं रहता है. बता दें कि परिस्थिति के मुताबिक फंड मैनेजर को निवेश के लिए फैसला लेना जरूरी है.  

Close Ended Mutual Fund Scheme
Close Ended Mutual Fund Scheme में निवेशक सिर्फ NFO के समय ही पैसा निवेश कर सकता है. निवेशक इस स्कीम में सिर्फ परिपक्वता के समय ही पैसा निकाल सकता है. हालांकि Close Ended Mutual Fund Scheme की यूनिट को Secondary Market में खरीदा और बेचा जा सकता है. आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड कंपनी का इस तरह के ट्रांजैक्शन से किसी भी तरह का कोई लेना देना नहीं होता है और ना ही म्यूचुअल फंड स्कीम में जमा रकम पर किसी भी तरह का कोई प्रभाव पड़ता है.

यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate Today: सोने-चांदी के फंडामेंटल मजबूत, तेजी बनी रहने का अनुमान

NFO में निवेश से फायदा
निवेशकों के लिए Close Ended फंड्स में NFO के जरिए ही निवेश संभव है. जिन भी निवेशकों को फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMPs) में निवेश करना है उनके लिए न्यू फंड ऑफर (NFO) एकदम सही फैसला साबित हो सकता है. मतलब यह कि निवेशकों के लिए क्लोज्ड एंडेड फंड्स के NFO निवेश सही साबित हो सकता है.

HIGHLIGHTS

  • NFO पीरियड खत्म होने के बाद फंड मैनेजर सामूहिक रकम में से निवेश की शुरुआत करता है
  • निवेशकों के लिए Close Ended फंड्स में NFO के जरिए ही निवेश संभव है
IPO Mutual Fund Mutual Fund Investment New Fund Offer NFO न्यू फंड ऑफर एनएफओ म्यूचुअल फंड एनएफओ
Advertisment
Advertisment