SEBI UPDATE: जिस तरह से कानून-व्यवस्था को कंट्रोल करने लिए पुलिस और बैंकिंग सेक्टर को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआइ को स्थापना की है. उसी तरह से स्टॉक मार्केट के रेगुलेशन को लिए SEBI यानी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड को बैठाया गया है. यूं तो सेबी की स्थापना 1988 में की गई थी, लेकिन उस समय यह एक टूथलैस संस्था था. मतलब इसका काम केवल शेयर मार्केट के कारोबार की मॉनिटिरिगं करना था, कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं था. लेकिन नवंबर 1992 को सरकार ने इसको मजबूती प्रदान करते हुए तमाम शक्तियों से लैस कर दिया. जबकि इससे पहले सेबी का काम केवल स्टॉक मार्केट कारोबार की निगरानी करना और कुछ भी गड़बडी मिलने पर इसकी सूचना सरकार को देना था. यही वजह है कि उस समय कारोबारियों में सेबी का कोई डर नहीं था. अगर एक लाइन में कहें तो सेबी की स्थापना प्रतिभूति बाजार के व्यवस्थित विकास एवं निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई.
सेबी के उद्देश्य-
-निवेशकों की सुरक्षा
-दलालों पर नियंत्रण
-शेयर मार्केट का रेगुलेशन
-इनसाइडर ट्रेडिंग रोकना
-कैपिटल मार्केट में भाग लेने वाले सभी सभी पक्षकारों को कुशल सेवाएं देना
-इफेक्टिव कंट्रोल सिस्टम स्थापित करना
सेबी के कार्य-
सुरक्षात्मक कार्य- सेबी प्रतिभूति बाजार में धोखाधड़ी एवं अनुचित कार्यों पर प्रतिबंध लगाती है.
1-निवेशकों को एजुकेट करना और ट्रेनिंग देना
2-नियम-कायदे बनाना
3-इनसाइडर ट्रेडिंग रोकना
4-धांधली और गड़बड़ियों को रोकना
कंट्रोलिंग और रेगुलेशन संबंधी कार्य-
1- स्टॉक मार्केट में किए जाने वाले कारोबार का संचालन करना
2-ब्रोकर व मर्चेंट बैंक आदि के कार्यों के रजिस्टर्ड करना
3-म्यूचुअल फंडों का रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन
4-कंपनियों को लिस्टेड करना
5- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का रजिस्ट्रेशन करना आदि