केंद्र सरकार दिल्ली के अशोका होटल और सम्राट होटल में विनिवेश (Disinvestment) यानि हिस्सी बिक्री की योजना बना रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IDTC (India Tourism Development Corporation) के दो होटल अशोका और सम्राट के कैंपस का मोनेटाइजेशन हो रहा है. सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप का गठन किया है. यह ग्रुप दोनों होटलों के लिए जल्द ही सलाहकार नियुक्त कर सकता है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सलाहकार होटल के मोनेटाइजेशन के लिए विकल्प के सुझाव देंगे. बता दें कि होटल अशोका की पूरी तरह से बिक्री या लंबी अवधि के लिए लीज पर देने का भी विकल्प सरकार के पास है.
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कब बना था होटल अशोका
वर्ष 1947 में भारत की आजादी के बाद यूनेस्को का समिट भारत में होने को लेकर चर्चा थी. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1955 में पेरिश में आयोजित यूनेस्को फोरम में अगले ही साल भारत में समिट कराने का सुझाव दिया था. बता दें कि उस समय देश में एक भी फाइव स्टार होटल नहीं था. ऐसे में प्रधानमंत्री नेहरू ने होटल अशोका का निर्माण कराया. यह होटल संसद और राष्ट्रपति भवन के बेहद नजदीक है. इस होटल में 550 कमरें और 161 सुइट्स हैं. फिलहाल इस होटल में 1 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. रोजाना संचालन पर करीब 35 लाख रुपये का खर्च आता है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ITDC के दिल्ली स्थित होटल अशोका और होटल सम्राट के मोनेटाइजेशन की ओर मोदी सरकार बढ़ चुकी है. मोदी सरकार ने मोनेटाइजेशन के लिए इंटरमीनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया है. इसके अलावा कैंपस के मोनेटाइजेशन के लिए सलाहकार भी जल्द ही नियुक्त किए जाएंगे.