Stock Market after Maharashtra Elections: भारतीय शेयर बाजार में अक्टूबर से गिरावट जारी है. हालांकि इस दौरान कई बार बाजार ने तेजी भी पकड़ी है. मंगलवार को भी बाजार में उछाल देखने को मिला. इसी बीच शेयर बाजार के निवेशकों को उम्मीद है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बाजार में एक बार फिर से तेजी लौटेगी. हालांकि बाजार के एक्सपर्ट्स इस बात से इनकार करते हैं.
महाराष्ट्र चुनाव के बाद बाजार में तेजी की कितनी संभावना?
विश्लेषकों की मानें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का बाजार पर ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है. उनका मानना है कि बाजार में अल्प-से-मध्यम अवधि के दौरान बदलाव देखने को मिल सकता है. बता दें कि महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं. जबकि वोटों की गिनती शनिवार (23 नवंबर) को होगी.
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शेयर बाजार में क्यों जारी है गिरावट
सेंट्रम पीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी मनीष जैन का कहना है कि, 'महाराष्ट्र चुनाव का बाजार पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं होना चाहिए, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली के कारण पिछले कुछ समय से बाजार कमजोर है, चुनावी नतीजों के बाद भी किसी बड़े सुधार या प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं करते हैं." उन्होंने कहा कि, "निवेशकों को इस अवसर का उपयोग गुणवत्ता वाले व्यवसायों के स्टॉक खरीदने के लिए करना चाहिए."
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उन्होंने कहा, महाराष्ट्र चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है. मैक्वेरी के विश्लेषकों ने हालिया नोट में लिखा है कि केंद्र में सीटों के योगदान के मामले में महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, इसे ध्यान में रखते हुए, भाजपा के नेतृत्व वाले महा युति गठबंधन के लिए अनुकूल राजनीतिक परिणाम पीएम मोदी के लिए अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए राजनीतिक महत्व रखता है.
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क्या है बाजार का दृष्टिकोण
बाजार के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि बाजार का प्रदर्शन पूरी तरह से उनसे निर्धारित नहीं होता है. क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति की स्थिति, कंपनी के मुनाफे और निवेशकों की भावना समेत अतिरिक्त कारण भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. मास्टर कैपिटल सर्विसेज में अनुसंधान और सलाहकार के सहायक उपाध्यक्ष विष्णु कांत उपाध्याय ने कहा, "बाजार विस्तार को केवल किसी भी व्यवसाय-अनुकूल सरकार के लिए स्पष्ट जनादेश से बढ़ावा दिया जा सकता है जो निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा और निवेश को आकर्षित करेगा."