यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक राणा कपूर (Rana Kapoor) ने कहा कि उन्हें हाल के दिनों में उठाए गए कदम के बारे में कोई जानकारी नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस प्राइवेट बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद कोई भी डिपॉजिटर अगले एक महीने में अपने खाते से 50,000 रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकता है. इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, राणा कपूर का कहना है कि मैं पिछले 13 महीने से बैंक के किसी भी काम में शामिल नहीं हुआ हूं. ऐसे में मुझे किसी भी बदलाव के बारे में कोई सूचना नहीं है.
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कभी यस बैंक की कमान संभालने वाले राणा कपूर ने पिछले साल के नवंबर महीने में ही अपने बचे हुए स्टेक को बेच दिया था. इसी दौरान प्रोमोटर ईकाई यस कैपिटल (Yes Capital) और मॉर्गन क्रेडिट्स (Morgan Credits) ने भी यस बैंक की हिस्सेदारी बेच दी थी. अन्य मीडिया रिपोर्ट में राणा कपूर को हवाले से कहा गया है कि मैं बैंक का संस्थापक था, लेकिन पिछले 13 महीने में जो कुछ भी हुआ. उसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि वो करीब चार महीने से भारत छोड़कर लंदन में रह रहे हैं. इस पर उनका कहना है कि मैं दो सप्ताह के लिए अपनी बेटी से मिलने के लिए लंदन गया था. मैं मुंबई वापस आ चुका हूं.
एक दशक में राणा कपूर ने खड़ी की 3.4 लाख करोड़ की कंपनी
राणा कपूर और उनकी समूह की इकाइयों की यस बैंक में 2.16 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. इसकी कीमत 510 करोड़ रुपये थी. साथ ही नवंबर 2019 में 1.8 प्रतिशत अन्य स्टेक को भी बेचा गया था. आपको बता दें कि यस बैंक को एक दशक में जमीन से उठाकर 3.4 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बनाने में राणा कपूर का ही हाथ था. हालांकि, बाद में इस बैंक के फंसे कर्ज में इजाफा होता रहा और फिर बैंक की वित्तिय स्थिति बदत्तर होती चली गई.
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यस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट का राणा कपूर में जोखिम लेने की कला का फायदा बैंक को सीधे तौर पर मिला. यही कारण रहा कि एक समय में यस बैंक के शेयर 14 सौ रुपये प्रति शेयर के उच्चतम स्तर तक पहुंच चुका था. घरेलू शेयर बाजार बंद होने के बाद शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर यस बैंक के शेयर्स 16.20 रुपये के भाव पर बंद हुए.
RBI ने किया टेकओवर
भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते गुरुवार को जानकारी दी थी कि यस बैंक के डिपॉजिटर्स तीन अप्रैल तक अपने खाते से 50,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकते हैं. साथ ही केंद्रीय बैंक ने यस बैंक के बोर्ड को भंग करते हुए एसबीआई के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को नया एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया है. यस बैंक के भविष्य की डोर अब केंद्र सरकार, RBI और SBI के हाथ में है.
मास्टरस्ट्रोक परेशानी का सबब बना
पिछले कुछ दिनों में बैंक का गवर्नेंस लगातार सवालिया निशान खड़े करता रहा है. बैंक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में गिरावट देखने को मिली है. कॉरपोरेट सेक्टर में राणा कपूर का नेटवर्क स्ट्रॉन्ग माना जाता है. बैंक को महत्वपूर्ण डील दिलाने में राणा कपूर ने अहम भूमिका निभाई थी. कपूर ने उन कंपनियों को पूंजीगत मदद दी, जिन्हें अन्य उधारकर्ता कर्ज देने से कतराते थे, लेकिन कभी मास्टरस्ट्रोक समझा जाना वाला यह कदम अब यस बैंक के लिए सबसे बुरी कहानी बन गया है.