आम चुनावों से पहले पेश किये गए मोदी सरकार के बजट को आरएसएस के सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने निराशाजनक करार दिया है। साथ ही कहा है कि इसके खिलाफ वो शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन भी करेगा।
सरकार ने आम बजट में ग्रामीण क्षेत्र, किसानों और गरीबों के लिये ढेरों सौगात दिये हैं लेकिन मिडिल क्लास और नौकरीपेशा वर्ग की सुध लेने में सरकार ने कोताही बरती है।
भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि सरकार ने मजदूरों और नौकरीपेशा वर्ग की अनदेखी की गई है। उनका कहना है कि टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्कर्स और मजदूरों के हितों की भी सरकार अनदेखी की है।
भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि सरकार का बजट एक बड़े वर्ग के लिये निराशा लेकर आई है। ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने इस बजट को निराशाजनक करार देते हुए शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है।
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा, 'भले ही बजट में पहली बार ग्रामीण विकास, कृषि, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर जोर दिया गया है, लेकिन इसने मजदूरों की परेशानियों की पूरी तरह अनदेखी की गई है।'
बजट के विरोध में संघ समर्थित भारतीय मजदूर संघ का चुनावों से पहले इस तरह से उतर जाना सरकार के लिये परेशानी खड़ी कर सकता है।
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भारतीय मजदूर संघ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित मजदूर यूनियन है। वो पहले भी मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करता रहा है।
इसने नोटबंदी और जीएसटी का भी विरोध किया था।
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Source : News Nation Bureau