इनकम टैक्स रिटर्न (ITR): अगर आपने 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न नहीं भरा तो आपको तगड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है. वित्त वर्ष 2018-19 में प्राप्त हुई इनकम के लिए आयकर रिटर्न (Return) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2019 है. व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और जिनके खातों की ऑडिट की जरूरत नहीं है वे 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
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कंपनियों पर 31 जुलाई की समयसीमा लागू नहीं
कंपनियों (Companies), किसी कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे कर दाताओं पर 31 जुलाई की समयसीमा लागू नहीं है. गौरतलब है कि आकलन वर्ष (Assessment Year) का अर्थ वित्त वर्ष के अगले साल से होता है, जिसकी आय का आकलन किया जा रहा है. आकलन वर्ष में आप पिछले फाइनेंशियल ईयर का ITR जमा करते हैं. उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए एसेसमेंट ईयर 2019-2020 माना जाएगा.
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जुर्माना कितना देना होगा
ITR फाइल करने की तारीख | जुर्माना |
31 जुलाई 2019 के बाद, 31 दिसंबर 2019 से पहले | 5 हजार रुपये |
1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 तक | 10 हजार रुपये |
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छोटे करदाताओं से 1 हजार रुपये से ज्यादा नहीं वसूल सकते जुर्माना
सालाना 5 लाख रुपये तक की आमदनी वाले छोटे टैक्स पेयर्स से अधिक से अधिक 1 हजार रुपये ही जुर्माना वसूली जा सकता है. ऐसे टैक्स पेयर्स 31 जुलाई 2019 के बाद और 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर लेट फीस के तौर पर सिर्फ 1 हजार रुपये ही जुर्माना देना होगा.
हालांकि यहां गौर करने वाली बात है कि अगर व्यक्तिगत श्रेणी में आने वाले किसी व्यक्ति की कुल आय टैक्स छूट की सीमा से कम है तो उसे 31 जुलाई 2019 के बाद और 31 मार्च 2020 तक ITR फाइल करने पर भी लेट फीस नहीं देना पड़ेगा.
HIGHLIGHTS
- वित्त वर्ष 2018-19 में प्राप्त हुई इनकम के लिए रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2019
- व्यक्तिगत, HUF और जिनके खातों की ऑडिट की जरूरत नहीं है वे 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं
- कंपनियों, किसी कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे कर दाताओं पर 31 जुलाई की समयसीमा लागू नहीं