कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) के इस दौर में जहां एक ओर नौकरियां जाने का खतरा बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर पंजाब में सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, पंजाब के छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) ने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में दो गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी की सिफारिश की है. इसके तहत न्यूनतम वेतन को 6,950 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नए वेतनमान को एक जनवरी 2016 से प्रभावी करने की सिफारिश की गई है.
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2016 से 3,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च हर साल बढ़ने का अनुमान
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक आधिकारिक प्रवक्ता का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों की वजह से वर्ष 2016 से 3,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सालाना बोझ का अनुमान है. उनका कहना है कि राज्य कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में औसतन 20 फीसदी के दायरे में बढ़ोतरी हो सकती है. उनका कहना है कि पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों की तुलना में राज्य के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 2.59 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सभी प्रमुख भत्तों में बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है.
विस्तृत अध्ययन के लिए वित्त विभाग को भेजा जा रही है रिपोर्ट
गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सौंपी गई वेतन बढ़ोतरी से संबंधित रिपोर्ट को विस्तृत अध्ययन के लिए वित्त विभाग को भेजा जा रहा है. प्रवक्ता का कहना है कि विधानसभा में सरकार की प्रतिबद्धता के मुताबिक रिपोर्ट को एक जुलाई 2021 से लागू किया जाएगा. उनका कहना है कि छठे वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक पेंशन और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. इसके अलावा डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और मेडिकल भत्ते को दोगुनी करने का प्रस्ताव है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक HRA के लिए शहरों के मौजूदा वर्गीकरण को कायम रखने का प्रस्ताव है. -इनपुट एजेंसी
HIGHLIGHTS
- न्यूनतम वेतन को 6,950 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई
- राज्य कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में औसतन 20 फीसदी के दायरे में बढ़ोतरी हो सकती है