सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission): कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए जारी लड़ाई के बीच मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance-DA) में की गई बढ़ोतरी को अगले आदेश तक रोक दिया है. कांग्रेस नीत सरकार ने शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में सरकार गिरने के चार दिन पहले वृद्धि की थी.
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सरकार के गिरने से ठीक चार दिन पहले कमलनाथ ने दिया था महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का आदेश
मालूम हो कि तत्कालीन कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपनी सरकार के गिरने से ठीक चार दिन पहले 16 मार्च को आदेश जारी कर शासकीय सेवकों एवं स्थायी कर्मियों को महंगाई भत्ते में एक जुलाई 2019 से सातवें वेतनमान में 5 प्रतिशत की वृद्धि कर 17 प्रतिशत करने का आदेश दिया था तथा छठवें वेतनमान में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर 164 प्रतिशत करने का आदेश दिया था. इस महंगाई भत्ता का नगद भुगतान मार्च 2020 के वेतन में किये जाने के निर्देश दिए थे. मध्य प्रदेश के वित्त विभाग के उप सचिव अजय चौबे ने एक अप्रैल को नया आदेश जारी कर उपर्युक्त आदेश का क्रियान्वयन आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार के इस निर्णय को कर्मचारी विरोधी बताया है.
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कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया था. इस निर्णय का प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था. उन्होंने आगे लिखा कि लेकिन शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है. मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि वो तत्काल इस रोक को हटाएं अन्यथा कांग्रेस इस तानाशाही पूर्ण निर्णय का पुरज़ोर विरोध करेगी.
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वहीं, मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया कि भाजपा के 15 साल का पूर्व शासन काल बताता है कि हमारी पार्टी कर्मचारी हितैषी है. कोरोना वायरस की महामारी के समय हमारी सरकार ने यह सही निर्णय लिया है, क्योंकि इस वक्त हमारी प्राथमिकता कोरोना वायरस के फैलाव को रोकना है.