सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार वेतन आयोग को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सातवां वेतन आयोग (7th CPC) आखिरी वेतन आयोग हो सकता है. अगर केंद्र सरकार ये फैसला लेती है तो सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लग सकता है.
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सूत्रों के मुताबिक सातवां वेतन आयोग आखिरी वेतन आयोग साबित होने जा रहा है. केंद्र सरकार के इस फैसले से 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगियों के लिए वेतन बढ़ोतरी के लिए नई व्यवस्था बनाएगी.
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सैलरी में बढ़ोतरी के लिए नई व्यवस्था बनाएगी सरकार
नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी के लिए भविष्य में नई व्यवस्था बना सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ऐसी व्यवस्था बना रही है कि जिसमें सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह को रिवाइज करने की जरूरत ही नहीं पड़े. फिलहाल मोदी सरकार 2 फॉर्मूले पर विचार कर रही है.
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मौजूदा समय में नियमों के तरहत 10 साल में वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों के लिए सिफारिश करता है. अब सरकार इस व्यवस्था में बदलाव करना चाहती है. सरकार का मानना है कि नई व्यवस्था से कर्मचारियों को काफी फायदा होगा. नए व्यवस्था के तहत 'ऑटोमैटिक पे रिवीजन' सिस्टम और दूसरा एक्रॉयड फॉर्मूला पर विचार जारी है.
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क्या होगा वेतन में बढ़ोतरी का फॉर्मूला
सरकार ऑटोमैटिक पे रिवीजन' सिस्टम के अंतर्गत व्यवस्था बनाएगी जिसमें 50 फीसदी से अधिक महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) होने पर सैलरी अपने आप रिवाइज हो जाएगी. वहीं एक्रॉयड फॉर्मूले में महंगाई की स्थिति और प्रदर्शन के मुताबिक कर्मचारियों की सैलरी तय की जाएगी.