कोरोना वायरस (Corona Virus) और फिर लॉकडाउन (Lockdown) के प्रभाव को देखते हुए मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने पिछले सप्ताह केंद्रीय कर्मचारियों का DA (Dearness Allowence) में बढ़ोतरी को अगले साल तक के लिए फ्रीज कर दिया था. मोदी सरकार के इस फैसले से 54 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगी प्रभावित हुए थे. अब खबर आ रही है कि सरकार ट्रांसपोर्ट अलाउंस में भी कटौती करने पर विचार कर रही है.
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हालांकि नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है तो एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि यदि किसी महीने देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों का ट्रांसपोर्ट अलाउंस रोक दिया जाए तो सरकार को इस मद में करीब 3500 करोड़ रुपये की बचत होगी.
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अधिकारी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस अगला निशाना बन सकता है. ट्रांसपोर्ट अलाउंस कर्मचारियों को घर से ऑफिस पहुंचने और वहां से घर वापस जाने को दिया जाता है. लॉकडाउन के चलते पिछले महीने की 25 तारीख से ही कर्मचारियों का ऑफिस जाना बंद है. ऐसे में जब वह आफिस पहुंचे ही नहीं तो फिर ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर उनका दावा भी नहीं बनता है. ऐसे में अप्रैल महीने में इसका भुगतान नहीं किया जाता है तो कर्मचारियों की ओर से विरोध भी नहीं होना चाहिए.
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केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी को रोकने से हर महीने औसतन 1,000 करोड़ रुपये बचा सकती है. महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए 14,595 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लागत सरकार ने तय की थी.
Source : News Nation Bureau