पेंशन नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) ने बैंकों से अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana-APY) के अंशधारकों के योगदान राशि में साल के दौरान किसी भी समय बदलाव के आग्रह को स्वीकार करने और उसके लिये जरूरी कदम उठाने को कहा है. इस पहल का मकसद योजना को और आकर्षक बनाना है. यह व्यवस्था एक जुलाई से लागू हो गयी है. इससे पहले, अंशधारकों को केवल अप्रैल महीने में ही में योगदान राशि में बदलाव की अनुमति थी.
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पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस व्यवस्था से एपीवाई अंशधारक अपनी आय और एपीवाई योगदान देने की क्षमता में बदलाव के अनुसार योगदान राशि को घटा/बढ़ा सकेंगे. यह 60 साल तक योजना में योगदान बनाये रखने के लिये जरूरी है.
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अटल पेंशन योजना के तहत करीब 2.28 करोड़ अंशधारक पंजीकृत
विज्ञप्ति के अनुसार नियामक ने सभी बैंकों से साल में कभी भी एपीवाई अंधारकों के आग्रह के अनुसार पेंशन राशि को घटाने-बढ़ाने के बारे में कदम उठाने को कहा है. यह व्यवस्था एक जुलाई से प्रभाव में आ गयी है. पीएफआरडीए के अनुसार हालांकि अंशधारक वित्त वर्ष में केवल एक बार पेंशन योजना में बदलाव कर सकते हैं. अटल पेंशन योजना के तहत करीब 2.28 करोड़ अंशधारक पंजीकृत हैं. पीएफआरडीए ने यह भी कहा कि एक जुलाई 2020 से एपीवाई योगदान राशि संबंधित अंशधारक के बचत खाते से स्वत: कटनी शुरू हो गयी है. कोविड-19 महामारी के कारण योगदान राशि जमा करने पर 30 जून तक के लिये रोक लगायी गयी थी.
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मौजूदा व्यवस्था के तहत अगर एपीवाई योगदान अप्रैल-अगस्त 2020 के बीच लंबित है, वह 30 सितंर तक अंशधारकों के बचत खातों से 30 सितंबर तक स्वत: कट जाएगा और उसके लिये जुर्माना स्वरूप कोई ब्याज नहीं देना होगा. सरकार ने असंगठित क्षेत्र (unorganised sector) में काम करने वाले लोगों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के दायरे में लाने के लिए अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana-APY) की शुरुआत की थी. सरकार ने 2015-16 के आम बजट (Budget) में इस योजना की घोषणा की थी. अटल पेंशन योजना मई 2015 में शुरू की गयी. यह योजना 18 से 40 वर्ष के देश के सभी नागरिकों के लिये खुली है. इस योजना के तहत अंशधारकों को 60 साल के होने पर हर महीने 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपे तक पेंशन की गारंटी दी जाती है जो उसके द्वारा दी गयी योगदान राशि पर निर्भर है. (इनपुट एजेंसी)