अगर आप सावधि जमाओं यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit-FD) में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काफी काम की साबित हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंकों ने शेयर (Equity) से जुड़े म्यूचुअल फंड (ELSS-Mutual Fund) की तर्ज पर निवेशकों को फायदा पहुंचाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि को घटाकर तीन साल करने का सुझाव दिया है. बता दें कि मौजूदा समय में 5 साल की अवधि की FD की योजनाओं पर कर लाभ (Tax Benefits) मिलता है. बता दें कि पांच साल की FD योजना में कोई भी व्यक्ति निवेश करके आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी (80 C) के तहत आयकर कटौती का दावा कर सकता है.
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आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये की सीमा तक विभिन्न मदों में निवेश करके कर छूट हासिल किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने केंद्र सरकार को सौंपे गए बजट पूर्व प्रस्ताव में कहा है कि टैक्स सेविंग के लिए बाजार में उपलब्ध अन्य वित्तीय उत्पादों जैसे ELSS की तुलना में फिक्स्ड डिपॉजिट कम आकर्षक रह गया है. ऐसे में लॉक इन पीरियड कम हो जाती है, तो फिक्स्ड डिपॉजिट आकर्षक बन जाएगा. साथ ही बैंकों को ज्यादा धनराशि मिल सकेगी.
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भारतीय बैंक संघ ने लॉक इन पीरियड को पांच साल से घटाकर तीन साल किए जाने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही बजट प्रस्ताव में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने पर किए गए खर्च के लिए विशेष छूट की मांग भी की गई है.
HIGHLIGHTS
- 5 साल की अवधि की FD की योजनाओं पर कर लाभ मिलता है
- आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत आयकर कटौती का लाभ