मोदी सरकार (Modi Sarkar) अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कर्मचारियों के लिए ईपीएफ की तरह जल्द ही पेंशन स्कीम (Pension Scheme in India) को लेना भी जरूरी हो जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि पीएफ (EPF) की तरह जल्द ही पेंशन स्कीम के लिए भी हर महीने सैलरी से पैसे कटने शुरू हो जाएंगे. कितने पैसे कटेंगे, इसका फैसला कर्मचारी खुद करेगा.
यह भी पढ़ें : बेरोजगारों के लिए खुशखबरी! अप्रैल से बंपर भर्ती करने जा रही है मोदी सरकार
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मोदी सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा. इसके लिए जल्द ही एक सिस्टम बनाया जाएगा, जिसमें कर्मचारी हर महीने कम से कम 100 रुपये कटवा सकेंगे. कंपनी को इतनी ही रकम अपनी तरफ से खाते में देय हो सकता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किए गए बजट में पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को मजबूत करने के लिए कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया है. साथ ही उन्होंने कर्मचारियों को भी पेंशन न्यास के गठन की छूट देने का प्रस्ताव किया है.
आपको बता दें कि नौकरीपेशा लोगों की सैलरी सेकटने वाली रकम दो खातों में जाती है. पहला प्रॉविडेंट फंड यानी EPF और दूसरा पेंशन फंड यानी EPS होता है. सैलरी से कटने वाला पैसे का 12 फीसदी ईपीएफ में जाता है. कंपनी की ओर से भी 3.67 फीसदी EPF में जमा होता है. बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा EPS में जमा हो जाता है.
यह भी पढ़ें : मोदी हुकूमत बच्चों पर जुल्म कर रही, बेटियों को मार रही है, शर्म नहीं है इनको : असदुद्दीन ओवैसी
यह भी खबर आ रही है कि मोदी सरकार अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में बंपर भर्ती शुरू करने जा रही है. बजट दस्तावेजों के अनुसार, अगले वित्त वर्ष (Financial Year) में मोदी सरकार करीब 24,500 कर्मचारियों की भर्ती शुरू करने जा रही है. इन कर्मचारियों की भर्ती के बाद वेतन, भत्तों आदि पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ने का अनुमान है.
लोकसभा में शनिवार को पेश किए गए बजट (Budget 2020) दस्तावेज के अनुसार, एक मार्च 2020 को केंद्रीय कर्मचारियों की कुल संख्या 35,00,941 रहने का अनुमान है, जो एक मार्च 2021 तक बढ़कर 35,25,388 हो जाएगी. इस तरह अगले वित्त वर्ष में केंद्र में 24,447 कर्मचारी बढ़ने वाले हैं.
Source : News Nation Bureau