Advertisment

टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, ITR फॉर्म में बड़े लेनदेन की जानकारी देने की नहीं होगी जरूरत

सूत्रों ने कहा कि वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी का विस्तार किये जाने का मतलब होगा कि आयकर विभाग (Income Tax Department) को इस प्रकार के ऊंचे मूल्य वाले लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थान देंगे.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
ITR

आयकर रिटर्न (Income Tax Return)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

करदाताओं (Taxpayers) को अपने आयकर रिटर्न (Income Tax Return) फार्म में बड़े मूल्य के लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं देनी होगी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. घटनाक्रम से जुड़े अधिकारिक सूत्रों ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आयकर रिटर्न फॉर्म में बदलाव का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. अधिकारियों से इस संबंध में आई कुछ रिपोर्टों के बारे में पूछा गया था. इन रिपोर्टों के मुताबिक 20,000 रुपये से अधिक के होटल भुगतान, 50,000 रुपये से अधिक के जीवन बीमा प्रीमियम (Life Insurance Premium) भुगतान, 20,000 रुपये से अधिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान, स्कूल या कॉलेज को साल में एक लाख रुपये से अधिक का अनुदान इत्यादि जैसे वित्तीय लेनदेन की जानकारी देने के लिये रिटर्न फार्म का विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है.

यह भी पढ़ें: सोने-चांदी में आज देखने को मिल सकती है तेजी, जानकार जता रहे हैं अनुमान  

सूत्रों ने कहा कि वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी का विस्तार किये जाने का मतलब होगा कि आयकर विभाग (Income Tax Department) को इस प्रकार के ऊंचे मूल्य वाले लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थान देंगे. आयकर कानून के हिसाब से केवल तीसरा पक्ष ही इस तरह के लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को देता है. आयकर विभाग उस जानकारी के आधार पर यह जांच करता है कि अमुक व्यक्ति ने अपना कर सही से चुकाया है या नहीं. इस जानकारी का उपयोग ईमानदार करदाताओं की जांच के लिए नहीं होता. अधिकारी ने कहा कि आयकर रिटर्न फॉर्म में किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है. करदाता को आयकर रिटर्न फार्म में उसके ऊंचे मूल्य के लेनदेन की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है.

यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today: तीन दिन में 47 पैसे महंगा हो गया पेट्रोल, कच्चे तेल में मजबूती का असर

आयकर कानून में पहले से ही ऊंचे लेनदेन के लिए पैन संख्या या आधार संख्या देने का प्रावधान 
अधिकारियों ने कहा कि अधिक मूल्य के लेनदेन के माध्यम से करदाताओं की पहचान करना एक बिना दखल वाली प्रक्रिया है. इसके तहत ऐसे लोगों की पहचान की जाती है जो कई तरह का सामान खरीदने में बड़ा धन खर्च करते हैं और उसके बावजूद आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते या फिर अपनी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम दिखाते हैं. ऐसे खर्चो में बिजनेस श्रेणी की हवाई यात्रा, विदेश यात्रा, बड़े होटलों में काफी पैसा खर्च करना और बच्चों को महंगे स्कूल में पढ़ाना इत्यादि शामिल है. वित्त मंत्रालय सूत्रों ने कहा कि आयकर कानून में पहले से ही ऊंचे लेनदेन के लिए पैन संख्या या आधार संख्या देने का प्रावधान किया गया है. इस तरह के ऊंचे लेनदेन के बारे में संबंधित कंपनी या तीसरा पक्ष आयकर विभाग को सूचित करता है. यह प्रावधान मुख्य तौर पर कर आधार को व्यापक बनाने के उद्देश्य से किया गया है.

यह भी पढ़ें: चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की आशंका: कुमार मंगलम बिड़ला  

सूत्रों का कहना है कि यह सच्चाई सबके सामने है कि भारत में लोगों का एक छोटा वर्ग ही कर का भुगतान करता है, और वह सब लोग जिन्हें कर का भुगतान करना है वास्तव में कर नहीं चुका रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि ऐसे में आयकर विभाग को कर प्राप्ति क लिये स्वैच्छिक कर अनुपालन पर ही निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में तीसरे पक्ष से जुटाई गई वित्तीय लेनदेन का ब्योरा ही बिना किसी हस्तक्षेप के कर अपवंचकों का पता लगाने का सबसे प्रभावी तरीका है.

Income Tax Income Tax Department इनकम टैक्स Income Tax Return इनकम टैक्स रिटर्न ITR ITR Filing आयकर विभाग ITR Form Income Tax Law टैक्सपेयर्स Income Tax Payers आईटीआर आईटीआर फॉर्म Big Financial Transactions आयकर दाता
Advertisment
Advertisment
Advertisment