भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) का प्रबंधन करने के लिए आईएएस, आईएफएस जैसे अलग व्यवसाय प्रबंधन सेवा संवर्ग का गठन, घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों के पुनरुद्धार के लिए नीतियों का निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं के लिए कानून बनाने और पेंशन में वृद्धि आदि की मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का ज्ञापन सौंपा. बीएमएस को यह भी उम्मीद थी कि सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को प्राथमिकता देगी, जो भारतीय कार्यबल का 94 प्रतिशत हिस्सा हैं.
बीएमएस ने केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बिक्री का विरोध करते हुए कंपनियों के प्रबंधन के लिए आईएएस व आईएफएस के समान एक अलग व्यवसाय प्रबंधन सेवा संवर्ग बनाने की मांग की है. बीएमएस ने केंद्रीय सेवा के अधिकारियों को सरकारी कंपनियों के प्रबंध निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्त का विरोध किया है. देश के सबसे बड़े श्रमिक संघों में से एक बीएमएस ने सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के पुनरुद्धार और विविधीकरण के लिए एक नीति तैयार करने और श्रमिकों को लंबित बकाये का भुगतान करने और वेतन वार्ता शुरू करने के लिए भी कहा है.
बीएमएस ने असंगठित क्षेत्र को अधिक धन आवंटित करने, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता, मध्याह्न् भोजन कार्यकर्ता सहित सभी प्रकार के योजना श्रमिकों को मासिक मानदेय बढ़ाने की मांग की. इसने यह भी मांग की कि असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को ईएसआई सुविधाएं प्रदान की जाएं बीएमएस ने विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते ठेके पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और चरणबद्ध तरीके से श्रमिकों/कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है.
संघ ने यह भी मांग की कि सरकार मौजूदा कर्मचारियों के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करे. बीएमएस ने सरकार से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत, श्रम योगी मानधन योजना और अन्य को स्थायी लाभ प्रदान करने के लिए कानून बनाने का भी आग्रह किया. संगठन की ओर से सभी श्रम कल्याण योजनाओं के लिए बजटीय सहायता बढ़ाने की भी मांग की गई थी.
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS