Coronavirus (Covid-19): आयकर विभाग (Income Tax Department) ने कंपनियों के लिये उनकी आयकर आडिट रिपोर्ट में माल एवं सेवाकर (GST) और गार के ब्योरे को शामिल करने की आवश्यकता को लगातार तीसरी बार आगे के लिये टाल दिया है. कंपनियों को अब 31 मार्च 2021 तक जीएसटी और गार का ब्योरा अपनी आयकर आडिट रिपोर्ट में देने की जरूरत नहीं है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि बोर्ड को इस संबंध में परेशानियों को लेकर कई ज्ञापन मिले हैं. मौजूदा कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुये बोर्ड ने कर आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (General Anti Avoidance Rule-GAAR) के ब्योरे को शामिल करने से 31 मार्च 2021 तक छूट देने का फैसला किया है.
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एक करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले कारोबारी इकाइयों, अनुमानित कराधान व्यवस्था के तहत कर देने वाली कंपनियों के मामले में दो करोड़ रुपये और 50 लाख रुपये से अधिक की सकल प्राप्ति वाले पेशेवरों को कर आडिट आवश्यकताओं का अनुपालन करना होता है. इस रिटर्न के लिये 30 सितंबर तय तिथि है और यदि करदाता मूल्यांकन हस्तांतरण प्रावधान के तहत आता है तो उसके लिये 30 नवंबर तक का समय है. सीबीडीटी ने कहा है कि उसे फार्म नंबर 3सीडी में गार से जुड़े अनुच्छेद 30सी और जीएसटी अनुपालन के मामले में अनुच्छेद 44 के तहत आवश्यकताओं को पूरा करने में मुश्किल होने के बारे में ज्ञापन प्राप्त हुये हैं. संबंधित पक्षों का कहना है कि कोविड-19 को देखते हुये इन प्रावधानों को लागू करने की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये.
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बोर्ड ने कहा कि कोविड- 19 महामारी से पूरे देश में उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुये मामले की जांच परख करने के बाद यह तय किया गया कि कर आडिट रिपोर्ट में अनुच्छेद 30सी और अनुच्छेद 44 के तहत रिपोर्टिंग करने की आवश्यकता को 31 मार्च 2021 तक के लिये टाल दिया जाना चाहिए. आयकर विभाग ने जुलाई 2018 में कर आडिट फार्म -3सीडी में बदलाव किया जिसमें जीएसटी के साथ साथ गार का भी ब्योरा मांगा गया. यह कदम कंपनियों को कर अदायगी से बचने के लिये अपने सौदों को दूसरे देशों के जरिये दिखाने से रोकने के लिये उठाया गया. इन बदलावों को 20 अगस्त 2018 से ही अमल में लाया जाना था। समय समय पर इसे अमल में लाने की तिथि आगे बढ़ती रही और अब यह 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है.