स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कर्नाटक में 2 लोगों के ओमीक्रॉन वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की. इससे यह बात स्पष्ट हो गई कि देश में ओमीक्रॉन वायरस प्रवेश कर चुका है. कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए भारतीय बीमा कंपनियां की कोरोना रक्षक पॉलिसियां काफी मददगार साबित हो रही हैं. कुछ माह पूर्व ही भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से कोरोना कवच या कोरोना रक्षक पॉलिसियों (Corona Kavach Health Insurance Policy) के नवीनीकरण पर बीमित व्यक्ति को लेकर 15 दिन की प्रतीक्षावधि नहीं लगाने के लिए कहा है. इरडा ने एक परिपत्र में कहा कि ग्राहकों को किसी भी अवधि की कोरोना कवच और कोरोना रक्षक (Corona Rakshak) पॉलिसियों का नवीनीकरण साढ़े तीन माह, साढ़े छह माह और साढ़े नौ माह की अवधि में कराने का विकल्प मिलना चाहिए.
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पॉलिसियों का नवीनीकरण 31 मार्च तक की अवधि के लिए करने की अनुमति
हालांकि पॉलिसी धारक को पॉलिसी का नवीनीकरण मौजूदा पॉलिसी के समाप्त होने से पहले कराना होगा. इरडा ने कहा कि पॉलिसी के नवीनीकरण में अतिरिक्त 15 दिन की प्रतीक्षावधि नहीं लगायी जानी चाहिए और पॉलिसी का लाभ लगातार जारी रहना चाहिए. इन पॉलिसियों का नवीनीकरण 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए करने की अनुमति है.
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उल्लेखनीय है कि बीमा कंपनियों ने लघु अवधि की कोरोना कवच और कोरोना रक्षक पॉलिसियां जारी की थीं. यह पॉलिसियां साढ़े तीन महीने, साढ़े छह महीने या साढ़े नौ महीने की अवधि के लिए जारी की थीं. इन पॉलिसियों को कोरोना वायरस के इलाज पर होने वाले व्यय पर बीमा सुरक्षा देने के लिए तैयार किया गया था. इरडा ने एक परिपत्र में कहा कि बीमा कंपनियां ग्राहकों को पॉलिसी के नवीनीकरण, स्थानांतरण और पोर्टिबिलिटी का विकल्प भी देना चाहिए.