Coronavirus (Covid-19): कोविड-19 के कारण भारत में तेजी से इंश्योरेंस (Insurance) के प्रति जागरूकता बढ़ी है. महामारी (Coronavirus Epidemic) के दौर में लोगों ने अपनी निजी आर्थिक स्थिति पर तो पर्याप्त नियंत्रण रखा है, लेकिन वो अपने परिवार के शारीरिक स्वास्थ्य पर मंडराने वाले जोखिम को लेकर चिंता में हैं. इसके कारण अब हेल्थ (Health Insurance) और लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) का महत्व पहले से काफी अधिक बढ़ गया है. एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है.
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सर्वे में शामिल 80 फीसदी लोगों ने इंश्योरेंस के महत्व को स्वीकारा
सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत लोगों ने अपने परिवार के लिए इंश्योरेंस कवर खरीदने के बारे में सोचा, जबकि करीबन 80 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें महामारी के दौरान इंश्योरेंस होने का महत्व पता चल गया है. ऑनलाइन इंश्योरेंस मार्केटप्लेस पॉलिसीबाजारडॉट कॉम द्वारा उपभोक्ताओं के बीच कराए गए एक सर्वे में यह पता चला है कि हर तीन में एक व्यक्ति इस बात के लिए निश्चिंत है कि वो अगले 12 महीनों के लिए अपने घरेलू खर्चे संभाल लेंगे. इससे यह संकेत मिलता है कि लोगों ने अगले कुछ महीनों के लिए पर्याप्त बचत कर रखी है और कोई भी खर्च सोच-समझ कर करेंगे.
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यह ऑनलाइन सर्वे पॉलिसीबाजारडॉट कॉम के 14,624 यूजर्स पर किया गया, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की घरेलू आर्थिक स्थिति, उनके निवेश और इंश्योरेंस के बारे में समझने की कोशिश की गई. सर्वे में शामिल सिर्फ 15 प्रतिशत लोग इस चिंता में नजर आए कि कहीं उनके पास पैसों की तंगी ना हो जाए। वहीं, सिर्फ 19 प्रतिशत लोगों में अपनी नौकरी बची रहने की चिंता देखने को मिली. सर्वे के परिणामों पर पॉलिसीबाजारडॉट कॉम के सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा, "सर्वे में यह साफ संकेत मिलते हैं कि कोविड-19 के दौर में टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Insurance) और हेल्थ इंश्योरेंस लोगों की फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा बन चुके हैं. इस महामारी ने निश्चित रूप से भारत में इंश्योरेंस के प्रति लोगों में तेजी से जागरूकता बढ़ाई है, जबकि आज भी देश में इंश्योरेंस कवर रखने वाले लोगों की संख्या काफी कम है.
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सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया कि बाजार के विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश को लेकर उनकी क्या राय है. इसके जवाब में 47 प्रतिशत लोगों का कहना था कि उन्हें यह समय निवेश करने और अच्छे रिटर्न कमाने के लिए सही लगता है. इसका मतलब यह हुआ कि भारतीयों में निवेश को लेकर जानकारी बढ़ी है क्योंकि आमतौर पर किसी गंभीर स्वास्थ्य संकट या महामारी के बीच अगर शेयर बाजार गिरते हैं तो बाद में उछलते भी हैं.