Coronavirus (Covid 19) Impact: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी सुविधा शुरू करने का ऐलान किया है. इसके तहत कर्मचारियों के ऑनलाइन आवेदन का तेजी से निस्तारण हो सकेगा. बता दें कि EPFO ने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के अनुपालन को सुनिश्चित करने को लेकर अपने अंशधारकों की जन्म तिथि में सुधार के लिए आधार कार्ड को वैध साक्ष्य मानने की घोषणा की है. इसके अलावा उसे ऑनलाइन स्वीकार करेगा.
यह भी पढ़ें: Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन खत्म होने के बाद पुराने सोने की मांग बढ़ने का अनुमान
श्रम मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी को देखते हुए ऑनलाइन सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने के लिये ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को संशोधित निर्देश जारी किया है. इसके तहत पीएफ सदस्य ईपीएफओ रिकार्ड में अपनी जन्म तिथि आसानी से सुधार सकेंगे. इससे यह यह सुनिश्चित होगा कि यूएएन (सार्वभौमिक खाता संख्या) केवाईसी का अनुपालन करती है.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस (Coronavirus) से मौत होने पर इंश्योरेंस कंपनियों को हर हाल में देना होगा क्लेम
आधार में जन्मतिथि को सुधार के लिए माना जाएगा वैध
बयान के अनुसार, आधार में अंकित जन्म तिथि को अब सुधार के लिये वैध साक्ष्य मना जाएगा. लेकिन इसमें शर्त है कि दोनों तारीखों में अंतर तीन साल से कम हो. पीएफ अंशधारक सुधार के लिये अनुरोध ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. इससे ईपीएफपीओ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के साथ तत्काल ऑनलाइन जन्म तिथि का सत्यापन कर सकेगा. इससे अनुरोध को अमल में लाने में लगने वाला समय कम होगा. ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से कहा है कि वे ऑनलाइन अनुरोध का तेजी से निपटान करेंगे. इससे कोरोना वायरस महमारी और ‘लॉकडाउन’ के कारण आर्थिक संकट में फंसे भविष्य निधि सदस्यों को अपने खाते से पैसा निकालने को लेकर ऑनलाइन आवेदन में कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.
यह भी पढ़ें: सबसे बडे़ आर्थिक संकट के दौर में है भारत, पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन का बड़ा बयान
इससे पहले, ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को अपने अपने वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) को खाते से निकालने की अनुमति दी थी. कोरोना वायरस और देशव्यापी बंद को देखते हुए खाते से ऑनलाइन आवेदन देकर राशि निकालने की अनुमति दी गयी. इस राशि को लौटाये जाने की जरूरत नहीं है. हालांकि यह सुविधा उन्हीं अंशधारकों के लिये उपलब्ध है जिनका खाता केवाइसी नियमों का पालन करता है. इस निर्णय से अंशधारकों को अपना सावैभौमिक खाता संख्या केवाईसी नियमों के अनुरूप करने में मदद मिलेगी.