Equity Linked Saving Scheme (ELSS): किसी भी कामकाजी महिला (Working Woman) के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) करना आज के समय में सबसे जरूरी हो गया है. दरअसल, अनिश्चितता के दौर में समय रहते पैसे का सही निवेश आपको काफी बड़ी मुसीबतों से बचा सकता है. क्या आपको पता है कि सही निवेश के जरिए 50 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक टैक्स (Tax) तो बचा सकती हैं. साथ ही अच्छा रिटर्न भी पा सकती हैं. इस रिपोर्ट में वर्किंग वुमेन को किस तरह का निवेश करना चाहिए, इस पर चर्चा करने की कोशिश करेंगे.
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80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का प्रावधान
कामकाजी महिलाओं को शायद इस बात की जानकारी होगी कि 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का प्रावधान है. आज हम इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) की बात करेंगे जिसमें निवेश करके आपको टैक्स की बचत तो होगी ही साथ में अच्छा खासा रिटर्न भी मिलेगा. आज के समय में ELSS टैक्स को बचाने का एक बेहतरीन टूल है. इसके अलावा उसी समय इसमें बेहतर रिटर्न भी मिलता है. जैसा कि हमारा सामान्य व्यवहार है कि हम 1-1 रुपये के लिए मोलभाव करते हैं लेकिन टैक्स की अनदेखी की वजह से अपनी मेहनत की कमाई का पैसा गंवा देते हैं, जबकि उस पैसे को हम बेहतर प्लानिंग करके बचा भी सकते हैं. इसके लिए बहुत मुश्किल काम नहीं है, बस आपको ELSS फंड में आपको निवेश करने की जरूरत है.
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जैसा की नाम से स्पष्ट है टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है. इसे Equity Linked Saving Scheme या ELSS भी कहते हैं. इसलिए इसके नाम को लेकर भ्रमित नहीं हों. देश में अलग-अलग कंपनियां इस कैटेगरी की Mutual Fund Schemes चला रही हैं. आप अपनी पसंद की स्कीम में निवेश करके टैक्स को बचा सकते हैं. ELSS भी एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है. म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा सरकारी बॉन्ड, कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर बाज़ार या सोने में निवेश किया जाता है.
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मिल सकता है शानदार रिटर्न
ELSS सिर्फ टैक्स बचाने का ही साधन नहीं है बल्कि इसमें निवेश करके अच्छा खासा रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है. हालांकि टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड के फायदे होने के साथ-साथ कुछ दिक्कतें भी हैं. दरअसल सरकार ने टैक्स डिडक्शन बेनिफिट लेने के लिए एक शर्त लगाई है. इस शर्त के तहत ELSS में लगाए गए पैसे को आप 3 साल से पहले नहीं निकाल सकते यानि कि इसमें तीन साल का लॉक इन पीरिएड है.
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SIP के जरिए निवेश करना बेहतर
SIP यानि Systematic Investment Plan. SIP का तरीका चुनने पर पैसा आपके खाते से हर महीने अपने आप कट जाता है. इससे आपको और म्यूचुअल फंड कंपनी दोनों को सुविधा रहती है. वहीं सभी म्यूचुअल फंड स्कीम के दो प्लान पहला रेग्युलर प्लान और डायरेक्ट प्लान होते हैं.
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(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो