EPFO: अगर आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी है तो यह खबर आपके लिए ही है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से वित्त वर्ष 2018-19 के लिए तय की गई ब्याज दर 8.65 फीसदी पर संकट के बादल छा गए है. जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने 8.65 फीसदी ब्याज देने के मामले में EPFO से जवाब मांगा है. वित्त मंत्रालय ने EPFO से पूछा है कि इस ब्याज को देने के लिए क्या उसके पास पर्याप्त फंड है.
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EPFO से वित्त मंत्रालय ने इन सवालों के जवाब मांगे
- वित्त मंत्रालय ने EPFO से पूछा है कि क्या उसके पास पर्याप्त फंड है. क्या उस फंड से पिछले वित्त वर्ष के लिए तय ब्याज का भुगतान किया जा सकता है. ऐसे समय में जब विभिन्न वित्तीय कंपनियों में किए गए कुछ निवेश में नुकसान की पूरी आशंका है.
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- वित्त मंत्रालय ने श्रम सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है. मंत्रालय ने श्रम सचिव से IL&FS और अन्य जोखिम वाले निवेश के बारे में जानकारी मांगी है.
- वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक अगर घाटा होता है तो EPFO के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को भुगतान की जिम्मेदारी सरकार पर होगी. उन्होंने कहा कि EPFO के फंड्स को लेकर विशेष सावधानी बरतना जरूरी है.
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EPFO ने इस मामले में दिया जवाब
EPFO के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक संगठन की सभी गणना एकदम सही है. पिछले 20 साल से ज्यादा समय से ऐसे ही गणना (कैलकुलेशन) होती रही है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं उनका उत्तर दे दिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्रालय ने EPFO से 8.65 फीसदी ब्याज के मामले में सवाल पूछे
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए तय की गई ब्याज दर 8.65 फीसदी
- 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के ब्याज दर के भुगतान पर संकट के बादल
Source : News Nation Bureau